''वैश्विक दक्षिण की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए भारत विशिष्ट रूप से विश्वसनीय आवाज'' |

”वैश्विक दक्षिण की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए भारत विशिष्ट रूप से विश्वसनीय आवाज”

''वैश्विक दक्षिण की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए भारत विशिष्ट रूप से विश्वसनीय आवाज''

:   Modified Date:  March 25, 2023 / 04:27 PM IST, Published Date : March 25, 2023/4:27 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क सुजमैन ने कहा है कि ‘ग्लोबल साउथ’ की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए भारत विशिष्ट रूप से विश्वसनीय आवाज है और उसकी जी-20 की अध्यक्षता से विकासशील देशों में स्वास्थ्य सेवा निर्माण व डिजिटल जन अवंसरचना को बढ़ाने का मुद्दा केंद्र में आएगा।

सुजमैन ने कहा कि भारत स्थायी विकास लक्ष्य (एसडीजी) और धरती पर रह रहे अरबों लोगों की विकास जरूरतों के मुद्दे पर दुनिया का ध्यान ऐसे समय पर केंद्रित रख सकता है जब पश्चिमी देश यूक्रेन युद्ध जैसे भू राजनीतिक संघर्षों में उलझे हैं।

इस सप्ताह भारत के दौरे पर आए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सीईओ सुजमैन ने कहा कि विभिन्न वैश्विक संघर्षों और विवादों पर चर्चा के दौरान दुनिया में वंचित वर्ग के लोगों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों को नेपथ्य में नहीं रखना चाहिए।

सुजमैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘भू राजनीतिक संघर्ष में शामिल प्रत्येक देश ने भी स्थायी विकास लक्ष्य पर हस्ताक्षर किए हैं और उनकी अपने नागरिकों और जिस दुनिया में वे रहे हैं उनके प्रति भी जिम्मेदारी है और उन्हें स्वास्थ्य और विकास को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में यह स्थिति नहीं है। मेरा मानना है कि भारत विशिष्ट विश्वसनीय आवाज है जो इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखने की कोशिश कर रहा है।’’

सुजमैन ने कहा कि भारत प्रभावी रूप से ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों की समस्याओं को प्रभावी तरीके से रेखांकित कर रहा है जबकि ‘ग्लोबल नॉर्थ’ यूक्रेन और घरेलू समस्याओं से घिरे हैं।

फाउंडेशन के प्रमुख ने कहा, ‘‘उन्होंने (ग्लोबल नॉर्थ) ने वास्तव में इस तथ्य से नजर हटा ली है कि इस समय ग्लोबल साउथ का बड़ा हिस्सा संकट का सामना कर रहा है।

गौरतलब है कि अमीर देशों को ‘ग्लोबल नॉर्थ’ के तौर पर संबोधित किया जाता है जबकि विकासशील देशों को ‘ग्लोबल साउथ’ देशों में शामिल किया जाता है।

सुजमैन ने कहा, ‘‘हमारी अपनी गोलकीपर रिपोर्ट जिसे हम हर साल जारी करते हैं, में दिखा है कि करीब दो दशक के दौरान स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और कृषि में उन्नति के बाद स्थायी विकास लक्ष्य में प्रगति हुई थी लेकिन गत दो तीन साल में यह कई देशों में ठहर सी गयी है या इसमें गिरावट दर्ज की गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत के मामले में यह स्थिति नहीं है। भारत अपवाद है। हम जानते हैं कि भारत को तेजी से विकास करना चाहिए, लेकिन तब भी वह अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले और कई छोटे देशों से कहीं तेजी से विकास कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि आज भारत वैश्विक स्तर पर प्रभावी आवाज है और उसकी जी-20 की अध्यक्षता से उम्मीद है कि अहम चुनौतियों को लेकर वैश्विक एजेंडा तय होगा।

सुजमैन ने कहा, ‘‘ स्पष्ट तौर पर इस वक्त भारत वैश्विक ताकत है चाहे फिर अर्थव्यवस्था की ताकत हो या आबादी की या जी-20 जैसे निकायों की अध्यक्षता व मौजूदगी हो या डिजिटल जन स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में पेश उदाहरण हो।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)