भारत ने किया मिसाइल प्रणाली SFDR बूस्टर का सफल परीक्षण, रक्षामंत्री ने डीआरडीओ को दी बधाई

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से काफी अधिक दूरी पर हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम बनाता है। India successfully test-fires missile system SFDR booster

भारत ने  किया मिसाइल प्रणाली SFDR बूस्टर का सफल परीक्षण, रक्षामंत्री ने डीआरडीओ को दी बधाई

Defense Research and Development Organization

Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: April 8, 2022 5:34 pm IST

बालासोर, 8 अप्रैल । missile system SFDR booster: भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर अपतटीय क्षेत्र में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से ‘सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट’ (एसएफडीआर) बूस्टर मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से काफी अधिक दूरी पर हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम बनाता है।

इसने कहा कि परीक्षण के दौरान जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल सभी महत्वपूर्ण घटकों ने विश्वसनीय प्रदर्शन किया और मिशन के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए गए।

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आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली जैसे कई उपकरणों द्वारा जुटाए गए डेटा से प्रणाली के सटीक प्रदर्शन की पुष्टि हुई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने इसे देश में महत्वपूर्ण मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

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एसएफडीआर को रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, हैदराबाद ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे कि अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, पुणे के सहयोग से विकसित किया है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com