अनुसंधान के लिए 1200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक जहाज बनाएगा भारत, ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 3 साल में होगा निर्माण |

अनुसंधान के लिए 1200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक जहाज बनाएगा भारत, ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 3 साल में होगा निर्माण

भारत अनुसंधान के लिए 1,200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक जहाज बनाएगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : October 30, 2021/9:48 pm IST

चेन्नई, 30 अक्टूबर । भारत अन्वेषण सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए लगभग 1,200 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक जहाज का निर्माण करने वाला है। एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह पहली बार है कि भारत समुद्र की गहराई में भूकंपीय संकेतों को भेजने की सुविधा जैसी उन्नत क्षमताओं के साथ इस तरह के जहाज का निर्माण करेगा। अधिकारी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल और ‘डीप ओशन मिशन’ के तहत नया जहाज ‘ऑर्डर’ देने की तारीख से तीन साल तक पूरा होने की उम्मीद है।

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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने ओआरवी (समुद्र अनुसंधान पोत) सागर निधि पर पत्रकारों से कहा कि जहाज निर्माण यार्ड को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है लेकिन यह अगले मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह शनिवार को चेन्नई बंदरगाह से सागर निधि में रवाना हुए और विभिन्न परियोजनाओं पर वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। शुक्रवार को उन्होंने यहां भारत के पहले मानवयुक्त समुद्री मिशन ‘समुद्रयान’ की शुरुआत की। ‘सागर निधि’ राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) का एक प्रमुख अनुसंधान पोत है।

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नया जहाज सर्वेक्षण और संसाधनों की खोज, समुद्र विज्ञान सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए है और इसमें रडार, भूकंपीय घटक भी शामिल होंगे तथा यह समुद्र तल की विशेषताओं का अध्ययन कर सकता है। प्रस्तावित नए जहाज पर लगभग 1000 से 1,200 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। यह 38 साल पुराने जहाज ‘ओआरवी सागर कन्या’ का प्रतिस्थापन भी है।