भारत ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाया : सिपरी

भारत ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाया : सिपरी

भारत ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाया : सिपरी
Modified Date: June 17, 2025 / 03:37 pm IST
Published Date: June 17, 2025 3:37 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) भारत और पाकिस्तान सहित दुनिया के लगभग सभी नौ परमाणु हथियार संपन्न देशों ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों को न केवल उन्नत बनाने की प्रक्रिया को जारी रखा बल्कि अपने हथियारों का जखीरा बढ़ाया भी है। वैश्विक विचारक समूह स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने एक बयान में कहा कि ऐसा अनुमान है कि भारत ने 2024 में एक बार फिर अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का ‘थोड़ा विस्तार’ किया है और नयी प्रकार की परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास जारी रखा है।

सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 2024 तक परमाणु हथियारों की नयी वितरण प्रणालियां विकसित करना और परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री एकत्रित करना भी जारी रखा है। पाकिस्तान की योजना आगामी दशक में अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने की है।

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विचारक समूह सिपरी ने सोमवार को अपनी वार्षिक पुस्तक-2025 में शस्त्रीकरण, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का अपना वार्षिक मूल्यांकन जारी किया।

वार्षिक पुस्तक के विमोचन पर दिए गए वक्तव्य में भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष का भी उल्लेख किया गया है।

सिपरी ने अपनी वार्षिक पुस्तक में शस्त्रीकरण, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का देशवार मूल्यांकन प्रस्तुत किया है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक बयान में कहा, ‘‘लगभग सभी नौ परमाणु हथियार संपन्न देश – अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इजराइल ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों को उन्नत बनाने के साथ-साथ हथियारों के जखीरे को भी बढ़ाने का काम किया।’’

सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जनवरी 2025 में दुनिया भर में अनुमानित 12,241 परमाणु हथियारों की कुल संख्या में से लगभग 9,614 हथियार संभावित इस्तेमाल के लिए सैन्य भंडार में थे।

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

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