Indian Air Force Day 2025: क्या आप जानते हैं भारतीय वायुसेना दिवस की शुरुआत कैसे हुई थी? जानिए इसका रहस्य

भारतीय वायुसेना आज 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। असल में 8 अक्टूबर को ही वायु सेना की स्थापना की गई थी।

Indian Air Force Day 2025: क्या आप जानते हैं भारतीय वायुसेना दिवस की शुरुआत कैसे हुई थी? जानिए इसका रहस्य

(Indian Air Force Day, Image Credit: x.com/iaf)

Modified Date: October 8, 2025 / 02:38 pm IST
Published Date: October 8, 2025 2:38 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस 8 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा।
  • हिंडन एयरबेस पर एयर शो और परेड का भव्य आयोजन हुआ।
  • दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है भारतीय वायुसेना।

नई दिल्ली: Indian Air Force Day 2025: भारतीय वायुसेना आज 8 अक्टूबर 2025 को अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी और तब से हर साल 8 अक्टूबर को इसे बड़े हर्षोल्लास और भव्य समारोह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारतीय वायुसेना अपनी ताकत, साहस और पेशेवर दक्षता का प्रदर्शन करती है। इस वर्ष का समारोह गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में भव्य परेड और एयर शो का आयोजन किया गया, जिसमें लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हवाई करतब का अद्भुत प्रदर्शन किया।

भारतीय वायुसेना की वैश्विक स्थिति

भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है, अमेरिका, चीन और रूस के बाद। यह न केवल युद्ध के दौरान देश की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाती है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में शांति प्रयासों में भी इसकी भूमिका रही है। अस्थिरता या अन्य समस्याओं की स्थिति में अन्य देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने का काम भी करती है।

एयर चीफ का संदेश

एयरफोर्स डे के मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा कि, ‘ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट दिशा-निर्देशों, भारत की स्वदेशी क्षमताओं और सशस्त्र बलों के बीच प्रभावी सामंजस्य का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारतीय वायुसेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर, नवाचार को अपनाकर और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए देश की रक्षा करती रहेगी।’

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भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’। जो भगवद गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का हिस्सा है और वायुसेना के साहस और कर्तव्य के प्रतीक के रूप में अपनाया गया है।

क्या है इसका इतिहास?

स्वतंत्रता से पहले भारतीय वायुसेना को रॉयल इंडियन एयरफोर्स (RIAF) कहा जाता था। 1 अप्रैल 1933 को पहला दस्ते का गठन हुआ, जिसमें 6 ट्रेनिंग ऑफिसर और 19 हवाई सैनिक शामिल थे। स्वतंत्रता के बाद इसका नाम बदलकर सिर्फ इंडियन एयरफोर्स रखा गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आजादी से पहले वायुसेना आर्मी के तहत काम करती थी और इसे स्वतंत्र करने का श्रेय पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। स्वतंत्रता के बाद वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक भारतीय वायुसेना के पहले चीफ रहे।

वायुसेना का ध्वज

भारतीय वायुसेना का ध्वज नीले रंग का है, जिसके शुरुआती एक चौथाई हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज और बीच में राष्ट्रीय रंगों (केसरिया, श्वेत और हरे) से बना वृत्त है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया और यह वायुसेना की पहचान और सम्मान का प्रतीक है।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।