‘निर्भया मामले’ के दौरान पहली बार भारतीय पुरुष महिला सुरक्षा को लेकर मुखर हुए : ईरानी
‘निर्भया मामले’ के दौरान पहली बार भारतीय पुरुष महिला सुरक्षा को लेकर मुखर हुए : ईरानी
हैदराबाद, 10 सितम्बर (भाषा) केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में ‘निर्भया मामला’ इस बात का पहला उदाहरण है, जब पुरुषों ने मुखर रूप से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आवाज उठाई थी।
ईरानी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे देश में एक ऐसा मोड़ आया, जहां पुरुष इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वे महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के बारे में कैसा महसूस करते हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको याद हो तो निर्भया सामूहिक बलात्कार के दौरान पुरुष अपनी बेटियों, पत्नी, बहनों या सहकर्मियों के साथ इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए और कानून एवं व्यवस्था को लेकर उतने ही क्रोधित थे।’’
ईरानी ने सीआईआई-इंडिया वीमेन नेटवर्क्स (आईडब्ल्यूएन) कॉन्क्लेव के ‘पावर वीमेन 2020’ शीर्षक के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
दिल्ली की 23 वर्षीय लड़की के साथ 16 दिसम्बर 2012 की रात एक चलती बस में छह लोगों ने बलात्कार किया था। इलाज के दौरान सिंगापुर में उसकी मौत हो गई थी। इस पूरी घटना को ‘निर्भया मामला’ कहा जाता है।
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इस मामले के छह में से चार दोषियों को सात साल से अधिक समय बाद इसी साल फांसी दी गई थी।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने कहा, ‘‘वह पहला ऐसा सार्वजनिक प्रदर्शन था, जिसमें सामने आया था कि महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भारतीय पुरुष कैसा महसूस करते हैं। निर्भया मामले से पहले भारत की सड़कों पर कभी ऐसा जनाक्रोष नहीं देखा गया।’’
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