मालदीव से होगी भारतीय सैनिकों की वापसी! विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब, लाल सागर पर भी भारत की नजर

Indian soldiers will withdraw from Maldives: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में 14 जनवरी को हमारी कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। हमने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की है, दोनों पक्ष इसका समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं।

मालदीव से होगी भारतीय सैनिकों की वापसी! विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब, लाल सागर पर भी भारत की नजर

Indian soldiers will withdraw from Maldives

Modified Date: January 18, 2024 / 07:09 pm IST
Published Date: January 18, 2024 7:08 pm IST

Indian soldiers will withdraw from Maldives: नईदिल्ली। पीएम मोदी को लेकर मालदीव के मंत्रियों की अभ्रद टिप्पणी के बाद से दोनों देशो के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को 15 मार्च से पहले हटाने को कहा था। इस पर अब भारत सरकार का भी बयान सामने आया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में 14 जनवरी को हमारी कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। हमने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की है, दोनों पक्ष इसका समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं।

दरअसल, चीन दौरे से लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन दौरे से लौटते ही कहा था कि भारत 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटा लें। इससे पहले उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है।

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विदेश मंत्रालय ने लाल सागर घटनाक्रमों पर कहा कि ये भारत के लिए चिंता का विषय है। हम समुद्री नैविगेशन और क्षेत्र में कारोबार की स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। जो कुछ भी हो रहा है, उससे न सिर्फ हम पर बल्कि आर्थिक हितों पर भी असर पड़ रहा है, हम इस स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं।

ईरान के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर की मुलाकात पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस पूरी स्थिति को लेकर चिंतित हैं। जहाज मार्ग सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। वहां मौजूद हमारी वायुसेना सिर्फ हमारे नहीं बल्कि अन्य के हितों की सुरक्षा के लिए भी है।

मालदीव में भारतीय सैनिकों को लेकर क्या है विवाद?

मालदीव रणनीतिक रूप से भारत और चीन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां 2013 से ही लामू और अद्दू द्वीप पर भारतीय सैनिक तैनात हैं। भारतीय नौसैनिक भी मालदीव में तैनात हैं। इंडियन नेवी ने वहां 10 कोस्टल सर्विलांस रडार इंस्टॉल कर रखे हैं। पद संभालने पर मुइज्जू ने घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी हिंद महासागर द्वीपसमूह में विदेशी सैन्य उपस्थिति को खत्म करना है।

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मुइज्जू ने पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति बनने पर औपचारिक रूप से भारत से अनुरोध किया था कि वह मालदीव से अपनी सेना हटाएं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनका देश अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति से मुक्त हो।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com