मालदीव से होगी भारतीय सैनिकों की वापसी! विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब, लाल सागर पर भी भारत की नजर
Indian soldiers will withdraw from Maldives: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में 14 जनवरी को हमारी कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। हमने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की है, दोनों पक्ष इसका समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं।
Indian soldiers will withdraw from Maldives
Indian soldiers will withdraw from Maldives: नईदिल्ली। पीएम मोदी को लेकर मालदीव के मंत्रियों की अभ्रद टिप्पणी के बाद से दोनों देशो के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को 15 मार्च से पहले हटाने को कहा था। इस पर अब भारत सरकार का भी बयान सामने आया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में 14 जनवरी को हमारी कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। हमने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की है, दोनों पक्ष इसका समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं।
दरअसल, चीन दौरे से लौटते ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन दौरे से लौटते ही कहा था कि भारत 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटा लें। इससे पहले उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है।
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विदेश मंत्रालय ने लाल सागर घटनाक्रमों पर कहा कि ये भारत के लिए चिंता का विषय है। हम समुद्री नैविगेशन और क्षेत्र में कारोबार की स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। जो कुछ भी हो रहा है, उससे न सिर्फ हम पर बल्कि आर्थिक हितों पर भी असर पड़ रहा है, हम इस स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं।
ईरान के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर की मुलाकात पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस पूरी स्थिति को लेकर चिंतित हैं। जहाज मार्ग सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। वहां मौजूद हमारी वायुसेना सिर्फ हमारे नहीं बल्कि अन्य के हितों की सुरक्षा के लिए भी है।
मालदीव में भारतीय सैनिकों को लेकर क्या है विवाद?
मालदीव रणनीतिक रूप से भारत और चीन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां 2013 से ही लामू और अद्दू द्वीप पर भारतीय सैनिक तैनात हैं। भारतीय नौसैनिक भी मालदीव में तैनात हैं। इंडियन नेवी ने वहां 10 कोस्टल सर्विलांस रडार इंस्टॉल कर रखे हैं। पद संभालने पर मुइज्जू ने घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी हिंद महासागर द्वीपसमूह में विदेशी सैन्य उपस्थिति को खत्म करना है।
मुइज्जू ने पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति बनने पर औपचारिक रूप से भारत से अनुरोध किया था कि वह मालदीव से अपनी सेना हटाएं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनका देश अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति से मुक्त हो।

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