भारत की परंपरा हिंदू और मुसलमानों के साथ मिलकर रहने और काम करने की है: अमर्त्य सेन

भारत की परंपरा हिंदू और मुसलमानों के साथ मिलकर रहने और काम करने की है: अमर्त्य सेन

भारत की परंपरा हिंदू और मुसलमानों के साथ मिलकर रहने और काम करने की है: अमर्त्य सेन
Modified Date: July 14, 2024 / 01:00 am IST
Published Date: July 14, 2024 1:00 am IST

कोलकाता, 13 जुलाई (भाषा) नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के मिल-जुलकर रहने और काम करने की परंपरा रही है।

जाने-माने अर्थशास्त्री सेन अलीपुर जेल संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम वंचित वर्ग के युवाओं में पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए आयोजित की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘हमारे देश के इतिहास को देखें तो हिंदू और मुसलमान सदियों से पूर्ण समन्वय और तालमेल के साथ सद्भावनापूर्वक काम करते आ रहे हैं। यह ‘जुक्तोसाधना’ है, जैसा कि क्षितिमोहन सेन ने अपनी पुस्तक में रेखांकित किया है। हमें अपने वर्तमान समय में ‘जुक्तोसाधना’ के इस विचार पर जोर देने की आवश्यकता है।’

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इस संदर्भ में उन्होंने ‘धार्मिक सहिष्णुता’ शब्द पर चिंता जताते हुए कहा कि केवल इसी पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए।

सेन अपने उदार विचारों के लिए जाने जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘क्या आप उस्ताद अली अकबर खान और पंडित रविशंकर के बीच उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर अंतर कर सकते हैं? उन्हें शास्त्रीय संगीत की अपनी शैली के आधार पर अलग किया जा सकता है।’

भाषा

शुभम अविनाश

अविनाश


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