भारत के विजन 2047 का लक्ष्य देश को नवाचार, सतत विकास के केंद्र में बदलना : प्रधानमंत्री मोदी |

भारत के विजन 2047 का लक्ष्य देश को नवाचार, सतत विकास के केंद्र में बदलना : प्रधानमंत्री मोदी

भारत के विजन 2047 का लक्ष्य देश को नवाचार, सतत विकास के केंद्र में बदलना : प्रधानमंत्री मोदी

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Modified Date: April 24, 2025 / 10:19 PM IST
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Published Date: April 24, 2025 10:19 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के ‘विजन 2047’ का लक्ष्य देश को नवाचार, सतत विकास और समावेशिता के केंद्र में बदलना है, जहां हर नागरिक उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जी सके और देश की प्रगति लोगों पर केंद्रित और धरती के अनुकूल हो।

प्रधानमंत्री का संदेश यहां तीन-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पढ़ा गया। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘यह विजन केवल आर्थिक प्रकृति का नहीं है, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ नवाचार और आधुनिकता को अपनाने पर गर्व करता है।’’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) की इकाई स्वदेशी शोध संस्थान ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य ‘‘विकास के भारतीय मॉडल’’ के आधार पर 2047 की ओर भारत की विकास यात्रा के लिए दूरदर्शितापूर्ण अंतर्दृष्टि और रणनीतिक मार्ग तैयार करना है।

प्रधानमंत्री ने ‘विजन 2047: समृद्ध और महान भारत’ विषय पर सम्मेलन के आयोजन की सराहना की और इसे एक ‘विचारशील पहल’ बताया तथा इसकी सफलता की कामना की।

उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने जा रहा है, इसलिए हमारा विजन एक ऐसे भविष्य से प्रेरित है जो समृद्ध, आत्मनिर्भर, समावेशी और विश्वस्तर पर सम्मानित हो।’

उन्होंने कहा कि इस तरह का विजन भारत को नवाचार, सतत विकास और समावेशिता के केंद्र में बदलने की आकांक्षा रखता है, जहां हर नागरिक उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जी सके और राष्ट्र की प्रगति लोगों पर केंद्रित और धरती के अनुकूल हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 के लिए भारत का विजन सिर्फ एक मंजिल नहीं है, बल्कि ‘मजबूत, विकसित और समावेशी भारत’ के निर्माण की सतत यात्रा है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रेरित युवाओं और सशक्त संस्थानों के माध्यम से, भारत एक ऐतिहासिक परिवर्तन हासिल करने के लिए तैयार है।’’

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश

 

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