इंडिगो संकट गंभीर मुद्दा : शीर्ष अदालत, दिल्ली उच्च न्यायालय में 10 को होगी सुनवाई
इंडिगो संकट गंभीर मुद्दा : शीर्ष अदालत, दिल्ली उच्च न्यायालय में 10 को होगी सुनवाई
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द किए जाने से प्रभावित यात्रियों की समस्याओं को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सहानुभूतिपूर्वक सुना, तथा 10 दिसंबर को एक याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि उच्चतम न्यायालय ने उड़ानों के रद्द होने के कारण उत्पन्न अव्यवस्था को ‘गंभीर मामला’ बताया, लेकिन हस्तक्षेप करने से इनकार किया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि लाखों लोग हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं, हालांकि शीर्ष अदालत ने इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र ने इस मामले को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं।
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि इंडिगो ने सोमवार को 500 उड़ानें रद्द कर दीं और 1,802 उड़ानें संचालित करने की योजना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन ने कुल 9,000 में से 4,500 बैग यात्रियों तक पहुंचा दिए हैं तथा शेष बैग अगले 36 घंटों में पहुंचा दिए जाएंगे।
जब इंडिगो द्वारा उड़ानें रद्द करने से संबंधित याचिका का उल्लेख शीर्ष अदालत में किया गया, तो प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,“ यह एक गंभीर मामला है। लाखों लोग हवाई अड्डों पर परेशानी झेल रहे हैं। हम जानते हैं कि भारत सरकार ने समय पर कार्रवाई की है और इस मुद्दे का संज्ञान लिया है। हम समझते हैं कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी और अन्य महत्वपूर्ण समस्याएं हो सकती हैं।”
पीठ में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची भी थे।
वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अलग याचिका का उल्लेख किया गया, जिसमें प्रभावित यात्रियों को सहायता और धन वापसी प्रदान करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले की सुनवाई 10 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
शीर्ष अदालत में एक वकील ने इस मुद्दे का उल्लेख किया और कहा कि पिछले कुछ दिनों में इंडिगो द्वारा कई उड़ानें रद्द की गई हैं और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा, “उड़ानों के रद्द होने की सूचना यात्रियों को नहीं दी गई।’’ उन्होंने यह भी कहा कि देशभर के 95 हवाई अड्डों पर लगभग 2,500 उड़ानों में देरी के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने इंडिगो संकट के मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग फंसे हुए हैं। हवाई अड्डों पर जमीनी हालात अमानवीय हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अदालत हवाई अड्डों पर फंसे लोगों के लिए इंडिगो और जमीनी स्तर पर सहायक कर्मचारियों को आदेश देगी। पैसे वापस करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।’’
जब अदालत ने कहा कि सरकार इस मामले में पहले ही कुछ निर्देश दे चुकी है, तो वकील ने सकारात्मक जवाब दिया।
पीठ ने कहा कि जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी।
भाषा नोमान दिलीप
दिलीप

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