वंदे मातरम् के साथ हुआ अन्याय ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ की शुरूआत थी : राजनाथ

वंदे मातरम् के साथ हुआ अन्याय ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ की शुरूआत थी : राजनाथ

वंदे मातरम् के साथ हुआ अन्याय ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ की शुरूआत थी : राजनाथ
Modified Date: December 8, 2025 / 06:16 pm IST
Published Date: December 8, 2025 6:16 pm IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि ‘वंदे मातरम्’ के साथ हुआ ‘‘अन्याय’’ कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ की शुरूआत थी, जिसे कांग्रेस ने अपनाया था और ‘‘इसी राजनीति ने देश का विभाजन कराया।’’

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए सिंह ने कहा कि यह सच स्वीकार करना पड़ेगा कि वंदे मातरम के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वह नहीं हुआ।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद भारत में राष्ट्र गान और राष्ट्रीय गीत को एक समान दर्जा देने की बात थी, लेकिन (राष्ट्रीय गीत) वंदे मातरम् को ‘‘खंडित’’ किया गया।

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सिंह ने कहा, ‘‘वह धरती, (बंगाल) जिस पर वंदे मातरम् की रचना हुई, उसी धरती पर कांग्रेस ने इसे खंडित करने का काम किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वंदे मातरम के साथ हुआ अन्याय अलग-थलग घटना नहीं थी, यह तुष्टीकरण की राजनीति की शुरूआत थी, जिसे कांग्रेस ने अपनाया। इसी राजनीति ने देश का विभाजन कराया।’’

सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् स्वयं में पूर्ण है लेकिन इसे ‘‘अपूर्ण’’ बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि इसका गौरव लौटाना ‘‘समय की मांग और नैतिकता का तकाजा’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को मिलकर सोचना चाहिए कि क्या संविधान में नया दायित्व नहीं जोड़ा जा सकता कि राष्ट्रगान की तरह राष्ट्रगीत को सम्मान दिया जाए।’’

सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् और बंकिमचंद्र चटर्जी की पुस्तक ‘आनंद मठ’ कभी भी इस्लाम के विरूद्ध नहीं था।

उन्होंने दावा किया कि आज पश्चिम बंगाल से बहुत से परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है और ऐसा तृणमूल कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति, घुसपैठियों को शरण देने की राजनीति के कारण हुआ है।

भाषा सुभाष हक

हक


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