SC से चिदंबरम को मिली जमानत, लेकिन इस वजह से अभी जेल में ही रहेंगे

SC से चिदंबरम को मिली जमानत, लेकिन इस वजह से अभी जेल में ही रहेंगे

SC से चिदंबरम को मिली जमानत, लेकिन इस वजह से अभी जेल में ही रहेंगे
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: October 22, 2019 6:46 am IST

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में जेल में बंद कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें 1 लाख के मुचलके पर जमानत दे दी है। लेकिन अभी भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। दरअसल इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कर रहे हैं। इस वजह से वह 24 अक्तूबर तक ईडी की हिरासत में रहेंगे।

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मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, ‘पी चिदंबरम को रिहा किया जा सकता है। उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी जा सकती हैं। उन्हें पूछताछ के लिए पेश होना पड़ेगा।’ उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। साथ ही अदालत ने चिदंबरम से कहा कि वो इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए पी.चिदंबरम को बुलाएगी, उन्हें पेश होना होगा।

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इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद राहत के लिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत से कहा था कि चिदंबरम को इस मामले में तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस मामला का ट्रायल शुरू नहीं हो जाता और अहम गवाहों के बयान नहीं दर्ज कर लिए जाते।

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वहीं, चिदंबरम की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि चिदंबरम देश छोड़कर नहीं भागेंगे। इसी के साथ उच्चतम न्यायालय में सोमवार को इस मामले में बहस पूरी हो गई थी। जस्टिस आर भानुमति की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि देश अब भ्रष्टाचार को जरा भी सहन नहीं करेगा।

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मेहता ने कहा, ‘चार्जशीट वैज्ञानिक और पेशेवर छानबीन के आधार पर होती है, ऐसे में आरोपी चिदंबरम को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘आखिर हम किस हद तक भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं।’ प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉंड्रिंग की जांच कर रहा है। भ्रष्टाचार और मनी लॉंड्रिंग के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चिदंबरम का देश से भागने का भी खतरा है।

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