Desh Ki Baat: जाति जनगणना..न वो जीते..न ये हारे! मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक है या मजबूरी? दे​खिए पूरी रिपोर्ट |

Desh Ki Baat: जाति जनगणना..न वो जीते..न ये हारे! मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक है या मजबूरी? दे​खिए पूरी रिपोर्ट

Politics on Caste Census: जाति जनगणना..न वो जीते..न ये हारे! मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक है या मजबूरी? दे​खिए पूरी रिपोर्ट

Edited By :  
Modified Date: May 1, 2025 / 12:03 AM IST
,
Published Date: May 1, 2025 12:03 am IST
HIGHLIGHTS
  • मोदी कैबिनेट ने पहली बार जातिगत जनगणना को मंजूरी दी
  • सियासी श्रेय को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज
  • जातिगत जनगणना को लेकर NDA साझेदारों और विपक्षी दलों का दबाव भी अहम कारक माना जा रहा है

नई दिल्ली: Politics on Caste Census मोदी कैबिनेट ने 30 अप्रैल को एक ऐतिहासिक फैसला किया। मोदी कैबिनेट ने तय किया है कि जातिगत जनगणना कराई जाएगी। फैसले के आते ही कांग्रेस ने याद दिलाया कि हमारी मांग का दबाव था, जिसपर बीजेपी विरोध करती रही, तो बीजेपी ने फैसला आते ही इसका क्रेडिट मोदी सरकार को देते हुए जश्न मनाना शुरू कर दिया। फैसले पर पक्ष-विपक्ष की कई प्रतिक्रिया हैं। सवाल है ये कि मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक है या मजबूरी? ये कांग्रेस से मुद्दा लपकना है या साझेदारों की मांग?

Read More: Kesari Veer Trailer Out: सुनील शेट्टी और सूरज पंचोली की फिल्म ‘केसरी वीर’ का ट्रेलर हुआ रिलीज, 16 मई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म 

Politics on Caste Census बीती 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बदले का इंतजार करते देश को केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर ये फैसला लेकर चौंका दिया कि, सरकार देश में जाति जनगणना कराएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि, इस बार देश में मूल जनगणना के साथ ही, जाति जनगणना भी होगी, हालांकि इसके शुरू होने की तारीख तय नहीं हुई है लेकिन बताया गया कि जनगणना कार्य सितंबर 2025 से शुरू होगी और तकरीबन साल भर में पूरी होगी, जिसके अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में सार्वजनिक किए जा सकते हैं। 2011 में हुई जनगणना के बाद साल 2021 में जनगणना होनी थी जिसे कोविड-19 के चलते टाला गया था।

Read More: CG Naxal News: नक्सलियों की तरफ से चर्चा के लिए कौन आएगा बताएं? तेलंगाना के बड़े लीडर्स फंसे तो पीड़ा हो रही? गृहमंत्री विजय शर्मा ने पूछे सवाल 

जाहिर है केंद्र के इस वक्त लिए गए इस फैसले ने, सियासी दलों के साथ-साथ देश को भी चौंकाया है, क्योंकि कांग्रेस समेत BJD, SP, RJD, BSP, NCP (शरद गुट) जैसे विपक्षी दल जाति जनगणना कराने और डेटा सार्वजनिक करने की मांग करते रहे हैं, खुद राहुल गांधी ने 2023-2024 में हुए तकरीबन हर चुनाव में इसकी मांग की जबकि बीजेपी और NDA जाति जनगणना के पक्ष में नहीं रही रहे। इसका विरोध ही किया अब मोदी सरकार के इस फैसले को कांग्रेस उनके द्वारा लगातार मांग से बने दबाव का नतीजा मानते हैं। इस ऐलान के बाद से पूरे देश में श्रेय को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है।

Read More: New Rules From 1st May 2025: 1 मई से बदल जाएंगे ये नियम, आम आदमी के जेब पर पड़ेगा सीधा असर… 

कुल मिलाकर आरक्षण में जातियों के कोटे को लेकर अक्सर बहस छिड़ती रही है, जिसके हल के लिए कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी लगातार हर मंच पर जातिगत जनगणना की मांग उठाते रहे और बीजेपी ने इसे वोटबैंक पॉलिटिक्स बताकर हर बार खारिज करती रही, लेकिन सवाल ये है कि जब देश पाकिस्तान पर हमले की तारीख, वक्त और जगह की जानकारी के इंतजार में था तब जातिगत जनगणना की बात कर मोदी सरकार ने क्यों की। ये NDA सरकार में शामिल अहम साझेदार नीतीश बाबू समेत जातिगत जनगणना के पक्ष में खड़े दलों की वजह से हुआ या फिर विपक्ष के दबाव का नतीजा है?

जातिगत जनगणना क्या होती है?

जातिगत जनगणना का मतलब है कि जनगणना के दौरान हर व्यक्ति की जाति से संबंधित जानकारी भी इकट्ठा की जाती है, ताकि सामाजिक संरचना और संसाधनों के वितरण को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

क्या 2025 में होने वाली जनगणना में जातिगत जनगणना भी होगी?

मोदी कैबिनेट ने 30 अप्रैल 2025 को यह फैसला लिया है कि 2025 से शुरू होने वाली जनगणना में जातिगत आंकड़े भी जुटाए जाएंगे।

क्या जातिगत जनगणना का विचार कांग्रेस का था?

कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी, लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग करते रहे हैं। लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे आधिकारिक रूप से लागू करने का निर्णय लिया है।