इजराइल ‘दुष्ट राज्य और विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा’ बन गया है : मीरवाइज फारुक

इजराइल 'दुष्ट राज्य और विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा' बन गया है : मीरवाइज फारुक

इजराइल ‘दुष्ट राज्य और विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा’ बन गया है : मीरवाइज फारुक
Modified Date: June 13, 2025 / 06:05 pm IST
Published Date: June 13, 2025 6:05 pm IST

(तस्वीर के साथ)

श्रीनगर, 13 जून (भाषा) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने शुक्रवार को ईरान पर इजराइल के हमले की निंदा करते हुए कहा कि यहूदी राष्ट्र एक “दुष्ट देश और विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा” बन गया है।

यहां जामा मस्जिद में शुक्रवार को उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आज सुबह आई एक और दुखद खबर यह है कि इजराइल ने ईरान पर बमबारी की है जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कई नागरिक मारे गए हैं। इसके अलावा वरिष्ठ ईरानी सैन्यकर्मियों की भी हत्या कर दी गई है। यह बेहद निंदनीय है।”

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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि “बेबस फलस्तीनियों पर नरसंहार जारी रखने और इससे बच निकलने” के अलावा, इजराइल अब पूरे पश्चिम एशिया को “संकट” में डाल रहा है।

उन्होंने कहा, “यह एक दुष्ट राज्य बन गया है और विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा है।”

अलगाववादी नेता ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र और विश्व के सभी देशों का नैतिक कर्तव्य है कि वे इजराइल पर दबाव डालें ताकि वह “गाजा में नरसंहार और युद्ध को रोके तथा इजराइल को अन्य देशों को निशाना बनाने से रोके”।

उन्होंने कहा, “जम्मू और कश्मीर के लोग इजरायल के आक्रमण के खिलाफ फलस्तीनियों और ईरानियों के साथ खड़े हैं।”

ईदगाह और जामिया मस्जिद में ईद की नमाज की अनुमति न दिए जाने तथा ईद के दिन खुद को घर में नजरबंद रखे जाने पर मीरवाइज ने कहा कि पिछले सात वर्षों से “शासकों की इस कार्रवाई ने कश्मीर के मुसलमानों को उनके धार्मिक अनुष्ठान करने के मूल अधिकार से वंचित रखा है”।

उन्होंने कहा, “मैं अधिकारियों से पूछना चाहता हूं, खासकर एलजी (उपराज्यपाल) साहब से, क्योंकि वह मुखिया हैं… जबकि वह लोगों को ईद की बधाई देते हैं और ईद और इस्लाम की भावना के बारे में बहुत ही श्रद्धापूर्वक बात करते हैं, तो कश्मीर के मुसलमानों को ईदगाह या यहां तक ​​कि जामिया मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने से क्यों रोका जाता है?”

उन्होंने पूछा, “इसका कारण क्या है? अधिकारियों को अपने डर और आशंकाओं के बारे में बताना चाहिए, अगर यही बात उन्हें रोक रही है या फिर यह कश्मीरियों को दंडित करने के लिए है?”

उन्होंने कहा, “वास्तविकता यह है कि दमनकारी उपाय काफी हद तक लागू हैं और 370 के निरस्त होने के बाद सामान्य स्थिति की तथाकथित कहानी एक मिथक है। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कोई राजनीतिक या प्रशासनिक स्थान उपलब्ध नहीं है, इसका दायरा दिन-प्रतिदिन सिमट रहा है।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश


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