‘Mission’ Gaganyaan ‘Crew Module’ launched : नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और सूर्य के मिशन आदित्य-एल1 की कामयाब लॉन्चिंग के बाद इसरो (ISRO) एक और बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। आज (शनिवार को) सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर ISRO देश के पहले मानव मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की। सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 लॉन्च किया गया।
‘Mission’ Gaganyaan ‘Crew Module’ launched : शनिवार गगनयान मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट की टेस्टिंग होगी। ऐसे अभियान में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह ट्रायल बेहद जरूरी है। इसरो ने बताया कि ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस रॉकेट को शनिवार सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया। परीक्षण यान मिशन का मकसद गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है।
#WATCH | Gaganyaan’s First Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1) launch put on hold at 5 seconds
ISRO chief S Somnath says, “The lift-off attempt could not happen today…engine ignition has not happened in the nominal course” pic.twitter.com/4eLOyhAZ6c
— ANI (@ANI) October 21, 2023
‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है। इसमें एक दबावयुक्त धात्विक ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल सुरक्षा प्रणालियों’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ शामिल है।
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