Jagannath Puri Incident: पुरी में हुई इस घटना के बाद आई थी कोरोना की भयंकर महामारी! अब चील ले उड़ा ध्वज / Image Source: IBC24 Customized
नई दिल्ली: Jagannath Puri Incident कलयुग के बारे में जब भी बात होती है, तो दुनिया के अंत जिक्र भी जरूर होता है। 16वीं सदी के संत अच्युतानंददास ने 500 वर्ष पहले कलयुग के अंत के बारे में भविष्य मालिका में लिखी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से ज्यादातर भविष्यवाणियां जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी हुई है और सच हो चुकी है। ऐसे में अनुमान लगाए जा रहा है कि अब दुनिया का विनाश करीब है।
Jagannath Puri Incident दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहा हैं क्योंकि जगन्नाथ पुरी में एक प्राचीन बरगद का पेड़ था। भविष्य मालिका में इस पेड़ के गिरने की भविष्यवाणी की गई थी। ओडिशा में 2019 में फानी तूफान के बाद जगन्नाथ मंदिर का बरगद का पेड़ गिर गया था। इसके बाद कोरोना महामारी फैलनी शुरू हुई थी। भविष्य मालिका में पेड़ के गिरने और महामारी के बीच सम्बध का उल्लेख भी किया गया था। कोरोना महामारी में लाखों लोग मारे गए थे।
वहीं, अब एक बार फिर जगन्नाथ मंदिर में ऐसा कुछ हुआ है, जिसने आशंकाओं को बल दे दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक चील मंदिर के शिखर पर लहराते पवित्र ध्वज के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हुए उसे अपने पंजों से पकड़ने की कोशिश कर रहा है। इससे भक्तों और ज्योतिषाचार्यों के बीच गहरी चिंता की लहर दौड़ गई है। कई लोग इस घटना को अशुभ संकेत मान रहे हैं और आशंका जता रहे हैं कि यह किसी अनहोनी का संकेत हो सकता है। उनती चिंताओं का आधार भी है।
बता दें कि जगन्नाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि दूसरे मंदिरों की तरह जगन्नाथ मंदिर के गुबंद पर कभी कोई पक्षी नहीं बैठता और ना ही इसके ऊपर कोई प्लेन, हेलिकॉफ्टर उड़ता है। ऐस में आशंका लोग जता रहे हैं कि एक चील का मंदिर के शिखर पर लहराते ध्वज को उड़ाकर ले जाना, हो ना हो, किसी अनहोनी की तरफ ही इशारा करता है।
ऐसी कई घटनाएं हैं जो जगन्नाथ मंदिर में हो रही हैं जिनका ज़िक्र रहस्यमयी तरीके से भविष्य मालिका में भी किया गया है। पापनाशक एकादशी के दिन जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक अखंड महादीप जलाया गया था लेकिन अचानक तेज हवा चली और झंडा उड़कर दीपक के चला गया गया, जिससे मंदिर के झंडे में आग लग गई। यह घटना 19 मार्च 2020 को हुई थी। झंडे में आग लगने का उल्लेख भी भविष्य मालिका में मिलता है। इस घटना के बाद यह कहा जाने लगा कि यह कलियुग के अंत का संकेत है और दुनिया का महाविनाश भी होने ही वाला है।
भविष्य मालिका के अनुसार जब कलियुग का अंत करीब होगा, तो भगवान जगन्नाथ मंदिर का नीलचक्र यानी सुदर्शनचक्र तूफान से टेढ़ा हो जाएगा। मई 2019 में समुद्री तूफान फानी के कारण यह विशालकाय चक्र टेढ़ा हो गया था। तब से यह कहा जा रहा है कि दुनिया के महाविनाश का समय आ चुका है। बताया जाता है कि तब से इस नीलचक्र को ठीक करने की कोशिश भी की गई है लेकिन इसका स्वरूप पहले जैसा नहीं हो पाया है।
भविष्य मालिका में लिखा गया है कि जब जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुंबद से नीचे पत्थर गिरेंगे, तो यह दुनिया के महाविनाश का संकेत होगा। ऐतिहासिक किताबों के अनुसार 1842 से लेकर अब तक लगभग 15 से 16 बार जगन्नाथ पुरी से पत्थर गिरने की घटना हो चुकी है। ऐसे में इस घटना को कलियुग की चरम सीमा और दुनिया के महाविनाश से जोड़कर देखा जाता है।