जेटली ने कहा मनमोहन का सम्मान, फिर हुआ मोदी मनमोहन पर समझौता
जेटली ने कहा मनमोहन का सम्मान, फिर हुआ मोदी मनमोहन पर समझौता
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव की गर्मी के साथ शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र अरूण जेटली के एक बयान के साथ शांत हो गया। वैसे तो राजनीतिक गलियारों से लगातार तीखे और सुलगते बयान ही निकलकर बाहर आते है लेकिन आज लोकसभा में एक ऐसी घटना घटी जिसने ना सिर्फ शीतकालीन सत्र के दौरान चले आ रहे गतिरोध को खत्म कर दिया बल्की खत्म होते लोकतंत्र के जिंदा होने और उसकी सहशीलता के साथ ही उदारता भी दिखा दी। दरअसल संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दिए गए एक बयान पर माफी की मांगकर कार्यवाही नहीं चलने दे रही थी।
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कांग्रेस की मांग थी की प्रधानमंत्री खुद आकर अपने उस बयान के लिए संसद में माफी मांगे जिससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान को ठेस पहंुची है लेकिन सरकार इस बात पर राजी नहीं हो रही थी। बस इसी बात को लेकर संसद का समय बर्बाद किया जा रहा था लेकिन आज जैसे ही वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसद में यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के द्वारा कभी भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के संदर्भ में कोई सवाल नहीं उठाया और हम इन नेताओं को अपने सम्मानित नेताओं के रूप में देखते है जिन्होंने देश के लिए काम किया, इतना कहते ही संसद में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध खत्म हो गया
PM in his speeches didn’t question, nor meant to question the commitment to this nation of either former PM Manmohan Singh or Former VP Hamid Ansari, any such perception is erroneous, we hold these leaders in high esteem, as well as their commitment to India: Arun Jaitley in RS pic.twitter.com/nhwp8tBXTs
— ANI (@ANI) December 27, 2017
जिसके बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन के नेता (अरूण जेटली) द्वारा प्रस्तुत किए गए स्पष्टीकरण के बाद विवाद का मुद्दा खत्म हो गया है। और में अपनी पार्टी की ओर से उन सभी बयानों से पार्टी को अलग करता हूं जिनसे प्रधानमंत्री के सम्मान को चोट पहंुची हो और साथ ही इस बात पर जोर दिया जाएगा की आगे कभी इस तरह की कोई भी बात पार्टी से नहीं निकले।
Thank leader of the house for clarification on what has been issue of contention. I,on behalf of my party, say that we disassociate from any comments made by any member during elections that may have hurt PM’s dignity,also we don’t want any such thing to be said in future-GN Azad pic.twitter.com/otxVLNWTqu
— ANI (@ANI) December 27, 2017
जिसके बाद सदन का माहौल सुहाना हो गया और सदन की कार्रवाही शुरू की जा सकी। आज संसद भवन में घटे इस घटनाक्रम से एक जो सबसे सकारात्मक बात निकलकर सामने आई वो यह है कि देश की दोनों ही बड़ी पार्टी इस बात पर राजी हो गई की देश के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए किसी भी तरह के अनर्गल शब्दों का उपयोग किसी भी तरह से किसी को भी मंजूर नहीं।
वेब डेस्क, IBC24

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