जेटली ने कहा मनमोहन का सम्मान, फिर हुआ मोदी मनमोहन पर समझौता

जेटली ने कहा मनमोहन का सम्मान, फिर हुआ मोदी मनमोहन पर समझौता

जेटली ने कहा मनमोहन का सम्मान, फिर हुआ मोदी मनमोहन पर समझौता
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: December 27, 2017 3:18 pm IST

नई दिल्ली। गुजरात चुनाव की गर्मी के साथ शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र अरूण जेटली के एक बयान के साथ शांत हो गया। वैसे तो राजनीतिक गलियारों से लगातार तीखे और सुलगते बयान ही निकलकर बाहर आते है लेकिन आज लोकसभा में एक ऐसी घटना घटी जिसने ना सिर्फ शीतकालीन सत्र के दौरान चले आ रहे गतिरोध को खत्म कर दिया बल्की खत्म होते लोकतंत्र के जिंदा होने और उसकी सहशीलता के साथ ही उदारता भी दिखा दी। दरअसल संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दिए गए एक बयान पर माफी की मांगकर कार्यवाही नहीं चलने दे रही थी।

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कांग्रेस की मांग थी की प्रधानमंत्री खुद आकर अपने उस बयान के लिए संसद में माफी मांगे जिससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान को ठेस पहंुची है लेकिन सरकार इस बात पर राजी नहीं हो रही थी। बस इसी बात को लेकर संसद का समय बर्बाद किया जा रहा था लेकिन आज जैसे ही वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसद में यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के द्वारा कभी भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के संदर्भ में कोई सवाल नहीं उठाया और हम इन नेताओं को अपने सम्मानित नेताओं के रूप में देखते है जिन्होंने देश के लिए काम किया, इतना कहते ही संसद में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध खत्म हो गया

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जिसके बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन के नेता (अरूण जेटली) द्वारा प्रस्तुत किए गए स्पष्टीकरण के बाद विवाद का मुद्दा खत्म हो गया है। और में अपनी पार्टी की ओर से उन सभी बयानों से पार्टी को अलग करता हूं जिनसे प्रधानमंत्री के सम्मान को चोट पहंुची हो और साथ ही इस बात पर जोर दिया जाएगा की आगे कभी इस तरह की कोई भी बात पार्टी से नहीं निकले।

जिसके बाद सदन का माहौल सुहाना हो गया और सदन की कार्रवाही शुरू की जा सकी। आज संसद भवन में घटे इस घटनाक्रम से एक जो सबसे सकारात्मक बात निकलकर सामने आई वो यह है कि देश की दोनों ही बड़ी पार्टी इस बात पर राजी हो गई की देश के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए किसी भी तरह के अनर्गल शब्दों का उपयोग किसी भी तरह से किसी को भी मंजूर नहीं। 

 

वेब डेस्क, IBC24


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