जम्मू-कश्मीर: नव वर्ष से पहले माता वैष्णो देवी मार्ग पर चौबीसों घंटे निगरानी
जम्मू-कश्मीर: नव वर्ष से पहले माता वैष्णो देवी मार्ग पर चौबीसों घंटे निगरानी
जम्मू, 23 दिसंबर (भाषा) नव वर्ष के अवसर पर तीर्थयात्रियों की संभावित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जम्मू और कश्मीर के रियासी में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर निगरानी बढ़ा दी गई है, जिसमें अधिक भीड़भाड़ वाले और संकरे रास्तों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर और आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा स्थापित किया गया है, जिसमें पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और मंदिर बोर्ड के सुरक्षा कर्मी शामिल हैं, जिन्हें त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) का समर्थन प्राप्त है।
अधिकारियों ने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सचिन कुमार वैश्य की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुचारू तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान सीईओ ने संबंधित अधिकारियों को यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने का निर्देश दिया, विशेष रूप से मार्ग और तीर्थस्थल पर।
अधिकारियों के अनुसार, आरएफआईडी-आधारित प्रवेश नियंत्रण के माध्यम से यात्रा के सख्त विनियमन पर जोर दिया गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि केवल वैध आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) कार्ड रखने वाले तीर्थयात्रियों को ही आगे जाने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने बताया कि वैश्य ने किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए प्रमुख चौकियों पर अतिरिक्त हैंडहेल्ड आरएफआईडी स्कैनर और पर्याप्त जनशक्ति की तैनाती के निर्देश भी दिए।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि चौबीसों घंटे संयुक्त निगरानी की जा रही है, जिसमें अधिक भीड़भाड़ वाले और व्यस्त स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वास्तविक समय की निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता सुनिश्चित की जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधि को ट्रैक के साथ रणनीतिक बिंदुओं पर अग्निशमन वाहनों को तैनात करने और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने के लिए मंदिर क्षेत्र का व्यापक अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने का कार्य सौंपा गया था।
उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणाओं के समय पर प्रसार को सुविधाजनक बनाने के लिए ट्रैक के किनारे स्थापित मौजूदा ध्वनि प्रणाली को पूरी तरह से कार्यात्मक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली में परिवर्तित करने पर भी जोर दिया।
अधिकारियों ने कहा, इसके अतिरिक्त, संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मार्ग पर स्थित निजी प्रतिष्ठानों और सेवा संचालकों में कार्यरत व्यक्तियों का उचित सत्यापन किया जाए, ताकि तीर्थस्थल की पवित्रता और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि अनधिकृत पार्किंग के कारण होने वाली यातायात की समस्याओं को दूर करने पर विशेष जोर दिया गया, खासकर बाणगंगा क्षेत्र और ताराकोटे मार्ग में।
अधिकारियों ने बताया कि वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमन और समन्वित प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने बैठक को बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जिसमें अधिकारियों ने बताया कि वास्तविक समय में खतरे का आकलन करने के लिए उन्नत निगरानी उपकरणों की तैनाती पर भी प्रकाश डाला गया।
भाषा तान्या नरेश
नरेश

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