जया अम्मा की आज पहली बरसी ,यादों के एक साल

जया अम्मा की आज पहली बरसी ,यादों के एक साल

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  • Publish Date - December 5, 2017 / 06:47 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

तमिलनाडु की  पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आज बरसी है आज के ही दिन लोगो के दिलो में राज करने वाली अम्मा का निधन हुआ था.उनकी मौत के बाद से उनकी सीट खाली पड़ी हुई थी। आगामी 21 दिसंबर को  आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है.

इस सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला तमिलनाडु के फेमस अभिनेता विशाल ने किया है.विशाल का कहना है कि उनकी कोई बड़ी राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं. वह जनता के नेता बनना चाहते हैं और उनकी आवाज बनना चाहते हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि लंबी राजनीतिक पारी खेलने की उनकी कोई योजना नहीं.नेता और अभिनेता के भेद को कम करते हुए विशाल का कहना है कि वह पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रभावित होकर राजनीति में आ रहे हैं.

ज्ञात हो की  विशाल ने शनिवार को चुनाव लड़ने की घोषणा कर सबको चौंका दिया था. इस सीट पर विपक्ष की पार्टी डीएमके के अलावा सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के ई. मधुसूदनन और पार्टी से दरकिनार किए गए टीटीवी दिनाकरण भी चुनाव लड़ रहे हैं.आपको बता दे की जयललिता का निर्वाचन छेत्र होने के कारण इस सीट का क्रेज़ बना हुआ है।हाल ही में कोयम्बटूर के अन्नादुरई में जयललिता की मूर्ति भी स्थापित की गयी है। 

 चुकि आज  तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता (अम्मा) की आज पहली बरसी है।तो एक नज़र डालते हैं अम्मा के अंतिम दिनों में  74 दिन मौत से जूझने के बाद 68 वर्षीय जयललिता ने 5 दिसंबर 2016 को दुनिया से अलविदा कहा था। उनकी मौत की बाद पुरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गयी थी। इसी दौरान ये भी खबर आ रही थी कि अम्मा की मौत की खबर सुन कर बहुत से लोगो ने  अपनी जान दे दी थी। राजनीतिज्ञ जयललिता 24 फरवरी 1948 को मैसूर के मांडया जिले के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थी.जब वो दो साल की थी तो उनके सर से पिता का साया हट गया। पिता की मृत्यु के बाद से ही उनकी जिंदगी में संघर्ष का दौर शुरू हुआ। उनकी मां संध्या घर चलाने के लिए  तमिल फिल्मों में काम करने लगी।एक इंटरव्यू में  जयललिता ने कहा था की वो वकील बनना कहती थी लेकिन माँ की ज़िद्द ने उन्हें फिल्मों में ढकेल दिया था।

जब वे महज 34 साल की थी तो उन्होंने  एआईएडीएमके की सदस्य्ता ग्रहण की और फिर शुरू किया अपना राजनितिक करियर। 1983 में उन्हें पार्टी के प्रचार विभाग का सचिव बनाया गया। 1984 में एमजीआर ने उन्हें राज्य सभा का सांसद बनाया। हालांकि कुछ समय बाद ही एमजीआर से उनके मतभेद शुरू हो गए। जब 1987 में एमजीआर का देहांत हुआ तो पार्टी में विरासत की जंग छिड़ गई। पार्टी का एक धड़ा एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन के साथ था तो दूसरा धड़ा जयललिता के साथ। इसके बाद से जयललिता तमिलनाडु की राजनीति के केंद्र में रही। 2016 में दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीतनी वाली वो एमजीआर के बाद दूसरी नेता बनी।

आज एआईडीएमके अम्मा की बरसी में उन्हें विशाल रैली निकाल कर श्रद्धांजलि देगी। इसके चलते चेन्नई में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं। करीब 8 जिलों से करीब 4000 अतिरिक्त पुलिस बल चेन्नई में तैनात किया गया है।

यही नहीं पूरा शहर जयललिता के होर्डिंग्स, बैनर और कटआउट से पटा पड़ा है.साथ ही सुबह से उन्हें श्रद्धांजलि देने वालो का ताँता लगा हुआ है।

IBC24web team