कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर ‘हमले’ की घटनाओं को लेकर जम्मू-कश्मीर के नेताओं, संगठनों ने चिंता जताई
कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर 'हमले' की घटनाओं को लेकर जम्मू-कश्मीर के नेताओं, संगठनों ने चिंता जताई
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) उत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर कथित हमलों और उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, जम्मू-कश्मीर के नेताओं और संगठनों ने प्रवासी व्यापारियों की सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समन्वित कार्रवाई का आह्वान किया है।
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने बुधवार को बताया कि हरियाणा के कैथल जिले में एक कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हुए हमले के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर वांछित अपराधी की तलाश शुरू कर दी है।
कैथल की पुलिस अधीक्षक उपासना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘‘पुलिस ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है। विस्तृत जांच जारी है।’’
यह घटना सप्ताह की शुरुआत में घटी थी। इस कथित घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच पर सामने आया है, जिसमें एक कश्मीरी शॉल विक्रेता को ‘वंदे मातरम्’ गाने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया जा रहा है।
जेकेएसए ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि कश्मीरी व्यापारियों के खिलाफ उत्पीड़न या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
इसने कहा कि फतेहाबाद जिले से मिली एक अन्य घटना की जांच जारी है।
जेकेएसए ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कश्मीरी शॉल विक्रेताओं के खिलाफ डराने-धमकाने, धमकियों और हमलों में वृद्धि हुई है।
इसने दावा किया कि इस साल हिमाचल प्रदेश से कम से कम 18 ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें कई व्यापारियों को डर के मारे राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जेकेएसए ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और केंद्र से राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया कि घाटी के बाहर काम करने वाले कश्मीरी व्यापारियों की सुरक्षा और गरिमा बनी रहे।
पत्र में कहा गया है, ‘‘इस वर्ष अकेले हिमाचल प्रदेश में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर हमले, धमकी और उत्पीड़न की कम से कम 18 घटनाएं हुई हैं।’’
इसमें कहा गया है कि कई मामलों में ‘‘प्राथमिकी न तो त्वरित और न ही प्रभावी ढंग से पंजीकरण की गई, न ही कोई स्पष्ट गिरफ्तारी हुई और न ही कोई निवारक उपाय किए गये’’।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और कैथल के पूर्व विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को निशाना बनाने के व्यापक पैटर्न को दर्शाती हैं।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के नेता रविंदर रैना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीरी शॉल विक्रेताओं के उत्पीड़न की खबरों का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार को ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पिछले सप्ताह कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री से कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों में एक मंत्रिस्तरीय टीम भेजने का आग्रह किया था।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और हंडवाड़ा से विधायक सज्जाद लोन ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला माना जाना चाहिए।
जेकेएसए के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मामलों के शीघ्र पंजीकरण, इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी और समयबद्ध निवारक कार्रवाई का आग्रह किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम गृह मंत्री अमित शाह से अपील करते हैं कि वे उत्तर भारत में कश्मीरी व्यापारियों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा के इस बढ़ते सिलसिले को समाप्त करें और दोषियों की शीघ्र पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित करें, ताकि एक स्पष्ट और मजबूत निवारक स्थापित हो सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से भी तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं।’’
भाषा
देवेंद्र धीरज
धीरज

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