पत्रकार और यूट्यूबर शर्मा ने गुवाहाटी पुलिस की प्राथमिकी को निराधार बताया
पत्रकार और यूट्यूबर शर्मा ने गुवाहाटी पुलिस की प्राथमिकी को निराधार बताया
गुवाहाटी, 22 अगस्त (भाषा) पत्रकार और यूट्यूबर अभिसार शर्मा ने दावा किया है कि गुवाहाटी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एक वीडियो को लेकर दर्ज की गई प्राथमिकी ‘पूरी तरह से निराधार’ है और वह इसका कानूनी तौर पर जवाब देंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी पुलिस की अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार को शर्मा के खिलाफ उनके वीडियो को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। इस वीडियो में कथित तौर पर असम और केंद्र सरकार का उपहास किया गया था और धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा दिया गया।
शर्मा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘असम पुलिस द्वारा मेरे खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पूरी तरह से निराधार है। इसका कानूनी तौर पर जवाब दिया जाएगा!’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपने शो में, मैंने असम के एक न्यायाधीश के बयान का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने असम सरकार द्वारा महाबल सीमेंट को 3,000 बीघा जमीन दिए जाने का जिक्र किया था और इसकी आलोचना की थी।’’
अभिसार शर्मा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की ‘सांप्रदायिक राजनीति को उनके बयानों के आधार पर तथ्यों के साथ’ उजागर किया था।
पत्रकार ने उस वीडियो का लिंक भी साझा किया जिसे लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 152 (राजद्रोह), 196 और 197 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
यह घटनाक्रम दो वरिष्ठ पत्रकारों – सिद्धार्थ वरदराजन और करण थापर को गुवाहाटी पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152, 196 और 197 के तहत दर्ज मामलों के संबंध में समन जारी करने और 22 अगस्त को पेश होने का निर्देश देने के तुरंत बाद का है।
शिकायत के अनुसार, शर्मा ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया जिसमें असम के मुख्यमंत्री पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ता ने कहा कि अभिसार शर्मा ने रामराज्य के सिद्धांत का भी मजाक उड़ाया और दावा किया कि सरकार ‘केवल हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण पर टिकी है।’
नयनपुर, गणेशगुड़ी निवासी शिकायतकर्ता आलोक बरुआ (23) ने कहा कि ये टिप्पणियां विधिवत निर्वाचित केंद्र और असम सरकार को बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई थीं।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पत्रकार शर्मा द्वारा किए गए अपराध बीएनएस, 2023 की संबंधित धाराओं के तहत दंडनीय हैं।
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा

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