JPC Report on Waqf Amendment Bill Parliament : दोनों सदनों में पेश हुई वक्फ संशोधन विधेयक की JPC रिपोर्ट.. विपक्ष ने जमकर किया हंगामा, मल्लिकार्जुन ने बताया ‘फर्जी रिपोर्ट’
JPC Report on Waqf Amendment Bill Parliament : संसद में बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
Parliament Budget Session | Source : IBC24 File Photo
- संसद में बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
- वक्फ संसोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पहले राज्यसभा फिर लोकसभा में पेश की गई।
- नया इनकम टैक्स बिल भी संसद में पेश हुआ।
नई दिल्ली। JPC Report on Waqf Amendment Bill Parliament : संसद में बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा हुआ। वक्फ संसोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पहले राज्यसभा फिर लोकसभा में पेश की गई। राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने यह रिपोर्ट पेश की। हालांकि, इसके बाद ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इससे सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। नया इनकम टैक्स बिल भी संसद में पेश हुआ। दोनों बिल के पेश होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सदन 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने जेपीसी की रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करार दिया और भारी हंगामे के बाद उच्च सदन से बहिर्गमन किया। हालांकि, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सच्चाई से परे बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया और उस पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि जेपीसी की पूरी रिपोर्ट को बगैर किसी संशोधन के पेश किया गया है और इसमें विपक्षी सदस्यों की असहमति की अभिव्यक्ति (डिसेंट नोट) को भी शामिल किया गया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि वे ‘तुष्टीकरण’ की राजनीति के तहत राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं और ‘देश को कमजोर करने की साजिश’ रच रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विपक्ष ने हंगामे और बहिर्गमन को ‘देशद्रोही गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए’ माध्यम बनाया।
इससे पहले, सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मेधा विश्राम कुलकर्णी ने समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। हंगामा कर रहे सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह राष्ट्रपति का एक संदेश सदन में पेश करना चाहते हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की। हालांकि, इसके बावजूद हंगामा जारी रहा।
मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया फर्जी रिपोर्ट
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने ‘डिसेंट नोट’ दिए थे लेकिन उन्हें रिपोर्ट से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा, सिर्फ बहुमत सदस्यों के विचारों को रखकर उसे बुलडोज करना, ठीक नहीं है। यह निंदनीय है। यह लोकतंत्र-विरोधी है और प्रक्रियाओं के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि समिति में गैर-हितधारकों के भी बयान दर्ज किए गए।
उन्होंने इसे ‘फर्जी रिपोर्ट’ करार देते हुए कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए और समिति को वापस भेजा जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि जहां तक बाद हंगामे की है तो उच्च सदन के सदस्य व्यक्तिगत कारणों से नहीं बल्कि एक समुदाय के साथ हो रहे अन्याय के कारण प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये सदस्य अपने लिए प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, वे उस समुदाय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं जिसके खिलाफ अन्याय किया जा रहा है।
वक्फ बोर्ड की JPC में अनेक सांसदों ने अपने Dissent notes दिए हैं, लेकिन उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया गया।
यह अलोकतांत्रिक है। ये सदन इस फर्जी रिपोर्ट को नहीं मानेगा।
मेरा अनुरोध है कि अगर इसमें Dissent notes हटाए गए हैं तो रिपोर्ट को वापस JPC में भेजा जाए और इसमें संसद… pic.twitter.com/Z0ZB2nnkBc
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 13, 2025

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