बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर (भाषा) कांग्रेस सरकार की कथित ‘किसान विरोधी नीतियों’ के खिलाफ सुवर्ण विधान सौध की ओर मार्च कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र सहित कई प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया।
विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी के अलावा कई विधायकों, विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ मालिनी सिटी ग्राउंड में एकत्र हुई।
कर्नाटक विधानसभा का 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र यहां सुवर्ण विधान सौध में जारी है, जो आठ दिसंबर को शुरू हुआ था।
बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच, भाजपा नेता और किसान ग्राउंड से सौध की ओर कूच करने लगे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और पुलिस वैन में ले जाया गया।
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए कांग्रेस सरकार पर किसानों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
पार्टी नेताओं ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों और कांग्रेस सरकार की ‘‘विफलताओं’’ को उजागर करने के मकसद से किया गया।
इससे पहले, विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के आंतरिक संघर्ष के कारण ‘नीतिगत पंगुता’ हो गयी है, जिससे सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार किसानों की चिंताओं का समाधान करने में असमर्थ हो गई है।
उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘कर्नाटक में बिल्कुल भी विकास नहीं हुआ है। अंदरूनी कलह और मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिये होड़ के कारण प्रशासन पूरी तरह से चरमरा गया है। इसलिए आज हमने इस सरकार के खिलाफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया। हमारी मांग है कि सिद्धरमैया सरकार किसानों से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एफआरपी (उचित एवं लाभकारी मूल्य) तय करना केंद्र की जिम्मेदारी है, लेकिन राज्य को एफआरपी से अधिक कीमत घोषित करने से कुछ भी नहीं रोकता। देश का तीसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य कर्नाटक हर साल 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करता है। लेकिन जब किसान विरोध कर रहे थे, तो सरकार ने केवल 50 रुपये प्रति टन देने का फैसला किया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मक्का उत्पादकों की मांगें भी पूरी नहीं की गई हैं।
भाजपा ने राज्य सरकार पर मक्का एवं गन्ना किसानों की चिंताओं का समाधान करने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि मक्का किसान खरीद केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं, जिसे राज्य सरकार ने अब तक नहीं खोला है।
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप