बेंगलुरु, 17 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में बृहस्पतिवार को विवादास्पद सामाजिक-आर्थिक एवं शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाई गई विशेष कैबिनेट बैठक बिना किसी बड़े फैसले के समाप्त हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कर्नाटक में सामाजिक-आर्थिक एवं शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट को ‘जाति जनगणना’ के नाम से भी जाना जाता है,
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंत्रियों से अगली कैबिनेट बैठक से पहले लिखित या मौखिक रूप से अपनी राय देने को कहा है।
विभिन्न समुदायों, विशेषकर कर्नाटक के दो प्रमुख समुदायों – वोक्कालिगा और वीरशैव-लिंगायत – ने इस सर्वेक्षण पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे ‘‘अवैज्ञानिक’’ बताते हुए मांग की है कि इसे खारिज किया जाए तथा एक नया सर्वेक्षण कराया जाए।
समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा भी इस सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई गई है तथा सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर से भी इसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं।
हालांकि, सभी वर्ग इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। दलितों और ओबीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता और संगठन इसके समर्थन में हैं और चाहते हैं कि सरकार सर्वेक्षण रिपोर्ट को सार्वजनिक करे और इस पर आगे बढ़े।
भाषा शफीक रंजन
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