कर्नाटक सरकार में एफएमडी से निपटने के लिए उत्साह की कमी है : कुमारस्वामी

कर्नाटक सरकार में एफएमडी से निपटने के लिए उत्साह की कमी है : कुमारस्वामी

कर्नाटक सरकार में एफएमडी से निपटने के लिए उत्साह की कमी है : कुमारस्वामी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: June 5, 2021 9:19 am IST

बेंगलुरु, पांच जून (भाषा) कर्नाटक में जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मवेशियों के बीच फैले एफएमडी यानी खुरहा-मुंहपका रोग से पैदा हुई स्थिति से निपटने में ‘उत्साह की कमी’ है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट कर चिंता जताई कि इस बीमारी के प्रकोप के कारण पशुपालन करने वाले किसान मुसीबत में हैं।

कुमारस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘गोवध रोधी कानून लाने में उत्सुकता दिखाने वाली भाजपा सरकार एफएमडी से निपटने में ऐसा ही उत्साह और प्रतिबद्धता नहीं दिखा रही है।’’

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उन्होंने पूछा कि क्या एफएमडी पर कोई बैठक हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने इस बीमारी के फैलने पर पशुपालकों के बीच पैदा हुई चिंताओं को अभी तक दूर नहीं किया है।

जद (एस) नेता ने कहा, ‘‘यह किसान समुदाय के लिए चिंता की बात है कि राज्य में अब मवेशियों में खुरहा-मुंहपका रोग (एफएमडी) फैल गया है।’’

कुमारस्वामी ने कहा कि एफएमडी एक गंभीर रोग है और यह मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इससे किसानों की वित्तीय स्थिति और खराब हो जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दूध खरीद कीमतों में कमी और मवेशियों के चारे की लागत बढ़ने के कारण पशुपालक पहले ही मुसीबत में हैं।

कुमारस्वामी ने आगाह किया कि अगर तुरंत एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो एफएमडी पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को चौपट कर सकता है क्योंकि किसान अपनी आजीविका के लिए काफी हद तक पशुपालन पर निर्भर हैं।

निजी दवाखानों में एफएमडी की दवाओं की कमी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फौरन कदम उठाने चाहिए।

भाषा गोला नीरज

नीरज


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