कर्नाटक सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी को गैर-संज्ञेय अपराध बनाने का संकल्प लिया
कर्नाटक सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी को गैर-संज्ञेय अपराध बनाने का संकल्प लिया
बेंगलुरु, 18 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने बुधवार को बताया कि उनकी सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी को गैर-संज्ञेय अपराध बनाने पर विचार किया है, जिसके लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास हो सकती है।
सिद्दरमैया ने एक मंत्रिस्तरीय कार्यबल के गठन की भी घोषणा की। उन्होंने मादक पदार्थों के दुरुपयोग के प्रति सरकार की ‘कतई बरदाश्त न करने की’ नीति को रेखांकित किया और कहा कि सरकार इस ‘सामाजिक खतरे’ से छुटकारा पाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग के मुद्दे पर एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खरगे, शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
सिद्दरमैया ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘समाज के विभिन्न वर्गों और मीडिया के जरिये कर्नाटक में मादक पदार्थों का खतरा राज्य सरकार के संज्ञान में आया है, इसलिए मैंने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।’
उन्होंने कहा, ‘आज राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समितियों के ऊपर गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक कार्यबल गठित करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री, प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री, समाज कल्याण मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री इसके सदस्य होंगे। वे समय-समय पर बैठकें कर स्थिति की समीक्षा करेंगे और उपाय सुझाएंगे।’
सिद्दरमैया ने कहा कि इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि कानून को मजबूत करने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यदि जरूरत पड़ी तो हम संशोधन करेंगे और यदि नये कानून लाने की जरूरत पड़ी तो हम ऐसा भी करेंगे।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थ संबंधी अपराध गैर-जमानती होने चाहिए। उन्होंने बताया कि अपराध की गंभीरता के आधार पर तस्करी में शामिल लोगों के लिए न्यूनतम दस साल से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया जा सकता है।
भाषा जोहेब पारुल
पारुल

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