कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल ‘सामूहिक दफन’ मामले की जांच कर रही एसआईटी को थाने की शक्तियां दीं

कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल ‘सामूहिक दफन’ मामले की जांच कर रही एसआईटी को थाने की शक्तियां दीं

कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल ‘सामूहिक दफन’ मामले की जांच कर रही एसआईटी को थाने की शक्तियां दीं
Modified Date: August 11, 2025 / 07:28 pm IST
Published Date: August 11, 2025 7:28 pm IST

बेंगलुरु, 11 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि धर्मस्थल में “सामूहिक दफन” मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को पुलिस थाने के अधिकार दिए गए हैं। इससे मामले के संबंध में कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज कराने के लिए सीधे एसआईटी से संपर्क कर सकता है।

राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में सामूहिक हत्या, बलात्कार और सामूहिक दफन के आरोपों की जांच कर रहा है।

पूर्व सफाई कर्मचारी शिकायतकर्ता-गवाह ने दावा किया है कि वह 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम करता था और उसे महिलाओं और नाबालिगों सहित कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी गई है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे और उन्होंने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दिया है।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा, “हमने उन्हें (एसआईटी) पुलिस थाने के अधिकार दिए हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने जाने के बजाय, लोग अब सीधे एसआईटी से संपर्क कर सकते हैं।”

मंत्री ने एसआईटी द्वारा जांच पूरी किये जाने तक मामले पर आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज किया।

उन्होंने कहा, “एसआईटी जांच पूरी होने के बाद ही हमें तथ्यों का पता चलेगा। शिकायतकर्ता ने शुरुआत में 13 स्थानों की पहचान की थी, जो अब बढ़कर 16 से 19 के बीच हो गए हैं। हम एसआईटी के अंतिम निष्कर्षों का इंतजार कर रहे हैं।”

जांच के एक हिस्से के रूप में, एसआईटी शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए कई स्थानों पर धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे जंगली इलाकों में तलाशी ले रही है। अब तक इनमें से दो जगहों पर कंकाल के अवशेष मिले हैं।

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप


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