कर्नाटक सरकार ने सरकारी परिसरों में सभी निजी कार्यक्रमों के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया

कर्नाटक सरकार ने सरकारी परिसरों में सभी निजी कार्यक्रमों के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया

कर्नाटक सरकार ने सरकारी परिसरों में सभी निजी कार्यक्रमों के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया
Modified Date: October 18, 2025 / 09:56 pm IST
Published Date: October 18, 2025 9:56 pm IST

बेंगलुरु, 18 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने शनिवार को एक आदेश जारी कर निजी संगठनों, संघों या समूहों के लिए किसी भी सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग कार्यक्रमों, आयोजनों या जुलूसों के लिए करने के वास्ते पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया।

यह कदम राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए उस निर्णय के दो दिन बाद उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकारी विद्यालयों, कॉलेज परिसरों और सार्वजनिक स्थलों के उपयोग से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

आदेश के अनुसार, इस विनियमन का उद्देश्य भूमि, भवन, सड़कें, पार्क, खेल के मैदान और जलाशयों सहित सार्वजनिक संपत्तियों का ‘‘संरक्षण, सुरक्षा और उचित उपयोग सुनिश्चित करना’’ है।

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यह निर्देश कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक एम. ए. सलीम की एक रिपोर्ट के बाद जारी किया गया है, जिसमें सार्वजनिक परिसरों के अनधिकृत उपयोग और निजी आयोजनों के बाद खराब रखरखाव का हवाला दिया गया था।

सरकार ने कहा कि ऐसी गतिविधियों से सरकारी संपत्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

नए नियमों के तहत, सक्षम प्राधिकारी, जिसे क्षेत्राधिकार वाले उपायुक्त, पुलिस आयुक्त या किसी अधिकृत अधिकारी के रूप में परिभाषित किया गया है, से कम से कम तीन दिन पहले लिखित अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। ये अधिकारी अनुमोदन देने से पहले लोक निर्माण विभाग, अग्निशमन और विद्युत जैसे विभागों से भी मंज़ूरी ले सकते हैं।

आवेदक और आयोजक ऐसे आयोजनों से होने वाले किसी भी नुकसान, क्षति या आपराधिक कृत्य के लिए संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे और उन्हें सार्वजनिक या निजी संपत्ति को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई करनी होगी।

आदेश में कहा गया कि सरकारी परिसर के अनधिकृत उपयोग को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के तहत गैरकानूनी सभा माना जाएगा, जिससे पुलिस को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के तहत निवारक और कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा।

संबंधित विभागों द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अनुमति देते समय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों से समझौता न हो।

कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर सरकारी विद्यालयों, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल


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