कर्नाटक सरकार गोवध-विरोधी अध्यादेश लाएगी: येदियुरप्पा

कर्नाटक सरकार गोवध-विरोधी अध्यादेश लाएगी: येदियुरप्पा

कर्नाटक सरकार गोवध-विरोधी अध्यादेश लाएगी: येदियुरप्पा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: December 11, 2020 11:10 am IST

बेंगलुरु, 11 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधानसभा से पारित विवादास्पद गोवध-विरोधी कानून पर गौर किये बगैर ही विधानपरिषद के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि सराकर इसे प्रभाव में लाने के लिए अध्यादेश लाएगी।

मुख्यमंत्री ने विधानपरिषद के सभापति के प्रतापचंद्र शेट्टी द्वारा ‘अकस्मात’ सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का निर्णय लेने पर ऐतराज जताया और कहा कि सरकार ने मंगलवार को सदन की बैठक बुलाने का निर्णय लिया एवं उसने इस संबंध में राज्यपाल को आवेदन भी दिया।

शेट्टी ने उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की भाजपा की कोशिश बुधवार को यह कहते हुए दरकिनार कर दी कि वह इस विषय पर कानूनी राय ले रहे हैं। उन्होंने इन नियमों का हवाला देते हुए उसे एजेंडे में शामिल करने से इनकार कर दिया था कि अविश्वास का नोटिस देने के 14 दिनों बाद ही इस विषय को सदन में विचारार्थ लिया जा सकता है।

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शेट्टी को कांग्रेस -जनता दल सेकुलर (जदएस) गठबंधन सरकार के दौरान विधानपरिषद का सभापति निर्वाचित किया गया था।

फिलहाल विधानपरिषद में भाजपा 31 सदस्यों के साथ सबसे बड़ा दल हैं कांग्रेस के पास सभापति समेत 29 सीटें हैं। जदएस के पास 14 सदस्य हैं और तीन सदस्य निर्दलीय हैं।

सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ दल का मंगलवार को परिषद की बैठक बुलाने का लक्ष्य जदएस की मदद से सभापति के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाना है।

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम (गोवध के विरूद्ध) अध्यादेश की उद्घोषणा करेंगे, आप जानते हैं कि परिषद में सभापति सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए हम अध्यादेश लाएंगे।’’

मुख्यमंत्री ने विधानसभा से विधेयक के पारित होने की पृष्ठभूमि में शुक्रवार सुबह को यहां अपने सरकारी निवास कावेरी पर गौ पूजा की।

यह विधेयक बुधवार को विपक्षी कांग्रेस के विरोध और हो हंगामे के बीच विधानसभा से पारित किया कराया गया था। विधानपरिषद बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी और यह विधेयक अभी विधानपरिषद में पेश किया जाना बाकी है।

किसी भी विधेयक के कानून बनने के लिए विधानपरिषद से उसे पारित कराया जाना और राज्यपाल की मंजूरी जरूरी है।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश


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