दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगे कश्मीरी पंडित, ये रही वजह…

kashmiri pandit fight delhi goverment demand for bifurcation : दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगे कश्मीरी पंडित, ये रही वजह...

दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगे कश्मीरी पंडित, ये रही वजह…
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: July 16, 2022 11:02 am IST

नई दिल्ली। भारत में कश्मीरी पंडितों का संघर्ष साल 1990 में शुरु हुआ था। आज उस त्रासदी को गुजरे 32 साल हो गये लेकिन इनका जीवन संघर्ष आज तक चल रहा है। 1990 के हादसे के बाद कश्मीरी पंडितों की एक बड़ी आबादी पलायन करके दिल्ली आ गई। कश्मीरी पंडित दिल्ली में अपनी अलग पहचान के ​​लिये मांग कर रहें हैं। कश्मीरी पंडित दिल्ली सरकार से बाइफरकेशन लागू करने की मांग कर रहें हैं। बाइफरकेशन का अर्थ होता है विभाजन, कश्मीरी पंडित चाहते हैं कि उनके दस्तावेजों को विभाजित कर उनके बच्चों को भी इसमें शामिल किया जाए।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

Read more : महिला एवं बाल विकास विभाग में निकली इन पदों पर भर्ती, जानें कब और कैसे करें आवेदन…

दरअसल, कश्मीरी पंडित परिवारों को सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है। ये परिवार अपनी मर्जी से आर्थिक सहायता छोड़ तो सकते हैं, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य का नाम इसमें जोड़ा नहीं जा सकता है। कश्मीरी पंडितों की मांग है कि इन दस्तावेजों में परिवार के सदस्यों के नाम जोड़ने की सुविधा भी मिलनी चाहिए। कश्मीरी पंडित लंबे समय से बाइफरकेशन की मांग कर रहें है। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि 3 साल पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी जारी किया था। बावजूद इसके दिल्ली सरकार ने बाइफरकेशन को मंजूरी नहीं दी, जिसके चलते कश्मीरी पंडित एक बार फिर सक्रिय हो गए है, और उन्होंने दोबारा अदालत जाने का फैसला लिया है।

 ⁠

Read more :  sarkari naukri : 80 पदों पर होगी भर्ती, ऐसे करें आवेदन, जानें कितनी मिलेगी सैलरी 

कोर्ट में केस करने वाले पंडितों का तर्क

कश्मीरी पंडितों का कहना है कि 1990 में जो कश्मीरी पंडित घर से अकेला आया था,उनके बच्चों की भी शादी हो चुकी है। लेकिन उनका नाम दस्तावेजों में नहीं जोड़ा गया है। वर्तमान में उन्हें सिर्फ उनके हिस्से की मदद मिलती है। जबकि घर में पत्नी और बच्चे भी हैं। इतने कम पैसे में बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च चला पाना काफी मुश्किल काम है। वह ये भी कहते हैं कि सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद राशि से ज्यादा उनके मकान का किराया है।

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें…


लेखक के बारे में