कालेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ केसीआर की याचिकाओं पर सुनवाई 22 अगस्त को

कालेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ केसीआर की याचिकाओं पर सुनवाई 22 अगस्त को

कालेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ केसीआर की याचिकाओं पर सुनवाई 22 अगस्त को
Modified Date: August 21, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: August 21, 2025 9:29 pm IST

हैदराबाद, 21 अगस्त (भाषा) तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कालेश्वरम परियोजना पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पीसी घोष जांच आयोग की रिपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 22 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव ने याचिकाएं दायर की हैं।

परियोजना की जांच के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को इसके निर्माण और अन्य पहलुओं में ‘अनियमितताओं’ के लिए ‘प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से’ जिम्मेदार ठहराया।

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उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीसी घोष की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में केसीआर के भतीजे टी. हरीश राव की भी गलती पाई। हरीश राव, बीआरएस सरकार के दौरान सिंचाई मंत्री थे।

केसीआर और हरीश राव ने रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया तथा इसे रद्द करने का अनुरोध किया।

केसीआर और हरीश राव के वकीलों ने बृहस्पतिवार को दलील दी कि आयोग ने उनके मुवक्किलों को नोटिस जारी न कर या उन्हें गवाहों से जिरह करने का मौका न देकर नियमों का उल्लंघन किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने एकतरफा रिपोर्ट पेश की है।

वकीलों ने अंतरिम राहत और अदालत से सरकार को रिपोर्ट पर आगे बढ़ने से रोकने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार उनके मुवक्किलों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर सकती है और उनके खिलाफ ‘झूठे मामले’ दर्ज कर सकती है।

उच्च न्यायालय ने महाधिवक्ता से पूछा कि क्या सरकार निर्णय लेने से पहले रिपोर्ट विधानसभा में पेश करना चाहती है, या पहले कार्रवाई कर फिर उसे विधानसभा में पेश करना चाहती है।

महाधिवक्ता ने कहा कि वह सरकार से निर्देश लेंगे और अदालत से समय का अनुरोध किया, जिसके बाद मामले की सुनवाई 22 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गयी।

भाषा जितेंद्र अविनाश

अविनाश


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