केसीआर का भाजपा पर परोक्ष हमला, धार्मिक कट्टरता और समाज में विभाजन की निंदा की

केसीआर का भाजपा पर परोक्ष हमला, धार्मिक कट्टरता और समाज में विभाजन की निंदा की

केसीआर का भाजपा पर परोक्ष हमला, धार्मिक कट्टरता और समाज में विभाजन की निंदा की
Modified Date: January 12, 2023 / 07:27 pm IST
Published Date: January 12, 2023 7:27 pm IST

हैदराबाद, 12 जनवरी (भाषा) तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अध्यक्ष एवं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि धार्मिक एवं जातिगत कट्टरता और समाज में विभाजन को बढ़ावा देने से अवांछनीय परिस्थिति और ‘‘तालिबान जैसी स्थिति’’ उत्पन्न होगी।

महबूबाबाद में एकीकृत जिला कलेक्ट्रेट का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि समाज की बेहतर प्रगति के लिए शांति, सहिष्णुता और सभी के कल्याण की कामना महत्वपूर्ण है। राव को ‘केसीआर’ के नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि धार्मिक और जातिगत कट्टरता को बढ़ावा दिया जाता है, लोगों को विभाजित किया जाता है तथा ऐसी नीति का पालन किया जाता है, तो स्थिति नर्क जैसी हो जाएगी। यह अफगानिस्तान में तालिबान की तरह की स्थिति बन जाएगी जिससे एक भयानक स्थिति उत्पन्न होगी। इस नफरत के कारण, ऐसे हालात उत्पन्न होंगे जिनमें देश की जीवनरेखा ही खाक हो जाएगी। इसलिए युवाओं को विशेषतौर पर सतर्क रहना चाहिए।’’

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उन्होंने कहा कि देश और राज्य तभी प्रगति कर सकते हैं जब केंद्र में प्रगतिशील सोच वाली और ‘‘निष्पक्ष’’ सरकार हो। राव ने कहा कि उन्होंने तेलंगाना द्वारा पूरे देश को भविष्य की राजनीति में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाने का पक्ष लिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना का राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) उतना नहीं बढ़ा, जितना होना चाहिए था क्योंकि केंद्र की मौजूदा सरकार राज्य सरकार के बराबर प्रदर्शन करने में विफल रही।

राव ने कहा कि तेलंगाना का जीएसडीपी 2014 में राज्य गठन के समय 5 लाख करोड़ रुपये था और आज बढ़कर 11.50 लाख करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र की अक्षम नीतियों के कारण अकेले तेलंगाना को 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।’’

उन्होंने दावा किया कि ये आंकड़े अर्थशास्त्रियों, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और कैग ने दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसडीपी 14.50 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए था, लेकिन केंद्र की नीतियों के कारण यह 11.50 लाख करोड़ रुपये रहा।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश


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