केरल सरकार धर्म और शिक्षा के घालमेल की अनुमति नहीं देगी : मंत्री शिवनकुट्टी

केरल सरकार धर्म और शिक्षा के घालमेल की अनुमति नहीं देगी : मंत्री शिवनकुट्टी

केरल सरकार धर्म और शिक्षा के घालमेल की अनुमति नहीं देगी : मंत्री शिवनकुट्टी
Modified Date: July 15, 2025 / 03:15 pm IST
Published Date: July 15, 2025 3:15 pm IST

कन्नूर (केरल), 15 जुलाई (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ‘‘’धर्म और शिक्षा के घालमेल’’ की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने दोहराया कि स्कूलों के संशोधित समय-सारिणी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

संशोधित समय-सारिणी के अनुसार माध्यमिक स्कूल के छात्र (कक्षा आठ से 10 तक) शुक्रवार को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह में 15 मिनट और अपराह्न में 15 मिनट अतिरिक्त समय तक स्कूल में रहेंगे, जिससे स्कूलों को प्रति वर्ष आवश्यक 1,100 शिक्षण घंटे पूरे करने में मदद मिलेगी।

हालांकि, सुन्नी मौलवियों की एक प्रमुख संस्था ‘समस्त केरल जमीयतुल उलमा’ सहित विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने दलील दी है कि ‘‘अध्ययन के घंटे बढ़ाने से धार्मिक शिक्षा प्रभावित होगी’’।

 ⁠

शिवनकुट्टी ने यहां एक टीवी चैनल से बात करते हुए तर्क दिया कि ‘‘कुछ खास समुदायों’’ का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों को खुद को धार्मिक मामलों तक ही सीमित रखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार यहां शिक्षा के मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा और धर्म का घालमेल नहीं होना चाहिए और इसकी अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई शिक्षा के संबंध में कोई कुछ कहना चाहता है, तो उसका स्वागत है।

शिवनकुट्टी ने स्पष्ट किया, ‘‘अगर कोई विशेष समूह ये कहता है कि जो कुछ भी हो रहा है वह उसे समझना चाहता है, तो हम उनसे बातचीत करने को तैयार हैं। लेकिन स्कूलों के समय को लेकर कोई बदलाव नहीं होगा।’’

मंत्री ने हाल में राज्य के 2025-26 के नए शैक्षणिक कैलेंडर का बचाव किया था, जिसमें ‘‘राष्ट्रीय और राज्य शिक्षा मानकों’’ को पूरा करने के लिए स्कूल में अध्यापन के घंटे बढ़ाए गए हैं तथा चुनिंदा शनिवारों को भी इसे जारी रखा गया है।

संशोधित समय के बारे में उन्होंने कहा था कि यह कदम केरल उच्च न्यायालय के एक निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसने अगस्त 2024 में फैसला सुनाया था कि पहले जारी किया गया शैक्षणिक कैलेंडर ‘‘कानूनी रूप से मान्य नहीं था, क्योंकि इसके लिए उचित सरकारी अनुमोदन नहीं लिया गया था। पूर्व के शैक्षणिक कैलेंडर में 25 कार्यदिवस शनिवार का उल्लेख था।

भाषा सुरभि दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में