केरल उच्च न्यायालय ने जंगली हाथी अरिकोम्बन को वापस लाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज की |

केरल उच्च न्यायालय ने जंगली हाथी अरिकोम्बन को वापस लाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज की

केरल उच्च न्यायालय ने जंगली हाथी अरिकोम्बन को वापस लाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज की

:   Modified Date:  May 31, 2023 / 03:48 PM IST, Published Date : May 31, 2023/3:48 pm IST

कोच्चि, 31 मई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने अरिकोम्बन नाम के जंगली हाथी को केरल वापस लाने और उसे राज्य में घने जंगलों के अंदर छोड़ने का अनुरोध करने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति एलेक्जेंडर थॉमस और न्यायमूर्ति सी जयचंद्रन की पीठ ने राज्य में जनवितरण प्रणाली(पीडीसी) की दुकानों पर धावा बोलकर चावल खाने वाले अरिकोम्बन को काबू करने, पकड़ने और उस राज्य (तमिलनाडु) के वन क्षेत्र में छोड़ने संबंधी तमिलनाडु सरकार के कदम में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि यह हाथी हाल में केरल के वन क्षेत्र से भटक कर तमिलनाडु के सीमावर्ती इलाके में प्रवेश कर गया था, जिससे वहां लोगों के बीच दहशत फैल गई थी।

पीठ ने यह भी कहा कि वह किटेक्स गारर्मेंट्स कंपनी के प्रबंध निदेशक और एर्नाकुलम की राजनीतिक पार्टी ट्वेंटी20 के अध्यक्ष एवं याचिकाकर्ता साबू जैकब पर जुर्माना नहीं लगा रही है।

जैकब की याचिका में तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि हाथी को काबू करते समय उसे नुकसान नहीं पहुंचे।

उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका में इस बारे में कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं दी गई है कि जंगली हाथी के प्रति तमिलनाडु सरकार की कार्रवाई किसी भी तरह से अवैध या नुकसानदेह है।

पीठ ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता को यदि यह लगता है कि हाथी को काबू करने, पकड़ने या वापस भेजने संबंधी तमिलनाडु के मुख्य वन्यजीव संरक्षक के फैसले से वह संतुष्ट नहीं है तो वह मद्रास उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।

पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता ने तमिलनाडु के मुख्य वन्य जीव संरक्षक के आदेश को चुनौती नहीं दी है।

अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों में, ‘‘याचिका में किये गये अनुरोध पर विचार करने या उसकी अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं है।’’

सुनवाई के दौरान, केरल सरकार ने हाथी को वापस राज्य में लाये जाने संबंधी अनुरोध का विरोध किया।

केंद्र ने कहा कि वन्य जीव-जंतुओं के लिए मूल निवास राज्य नहीं हो सकता और वे किसी एक राज्य से संबद्ध नहीं हैं।

पीठ ने आदेश को पढ़कर सुनाते हुए कहा, ‘‘लोगों को शांति से रहने दें।’’

उल्लेखनीय है कि जंगली हाथी हाल में केरल के वन क्षेत्र से भटक कर तमिलनाडु के थेनी जिले में प्रवेश कर गया था, जहां उसने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था। बाद में, चोटों के चलते व्यक्ति की मौत हो गई।

इस हाथी को पिछले महीने केरल के पेरियार बाघ अभयारण्य में छोड़ा गया था, जहां से भटक कर वह 27 मई को तमिलनाडु के थेनी जिले में प्रवेश कर गया था।

इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने जंगली हाथी को पकड़ने के लिए श्रीविल्लीपुतुर मेगामलाई बाघ रिजर्व के निदेशक के तहत वन अधिकारियों की एक टीम गठित की थी। तब, जैकब ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया था।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers