केरल के मंत्री ने अंग्रेजी पाठ्यपुस्तकों के लिए हिंदी शीर्षक का उपयोग करने के फैसले की आलोचना की
केरल के मंत्री ने अंग्रेजी पाठ्यपुस्तकों के लिए हिंदी शीर्षक का उपयोग करने के फैसले की आलोचना की
तिरुवनंतपुरम, 14 अप्रैल (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने एनसीईआरटी द्वारा अंग्रेजी माध्यम की पाठ्यपुस्तकों के लिए हिंदी शीर्षक का उपयोग करने के कथित निर्णय की सोमवार को आलोचना की और इसे गंभीर तर्कहीनता बताया।
उन्होंने इसे संस्कृति को थोपना बताया जो भारत की भाषाई विविधता को कमजोर करता है।
शिवनकुट्टी ने तर्क दिया कि छात्रों में संवेदनशीलता और समझ को बढ़ावा देने वाले लंबे समय से चले आ रहे अंग्रेजी शीर्षकों को ‘मृदंगम’ और ‘संतूर’ जैसे हिंदी शीर्षकों से बदलना अनुचित है।
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन भाषाई विविधता को संरक्षित करने और क्षेत्रीय सांस्कृतिक स्वायत्तता को प्राथमिकता देने की केरल की प्रतिबद्धता के विपरीत है।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का निर्णय संघीय सिद्धांतों और संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करता है।
उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों के शीर्षक केवल लेबल नहीं होते; वे छात्रों की धारणाओं और कल्पना को आकार देते हैं। इसलिए, अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को अपनी पाठ्यपुस्तकों में अंग्रेजी शीर्षक अवश्य रखने चाहिए।
मंत्री ने एनसीईआरटी से इस निर्णय की समीक्षा करने और इसे वापस लेने का आह्वान किया तथा सभी राज्यों से इस प्रकार इसे थोपे जाने के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया।
शिवनकुट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को सशक्तीकरण और आम सहमति का साधन होना चाहिए, न कि थोपने का साधन।
भाषा नोमान माधव
माधव

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