केएचआरसी ने चिकित्सकों की हड़ताल में ‘ओपी सेवाओं’ के बहिष्कार को लेकर रिपोर्ट मांगी

केएचआरसी ने चिकित्सकों की हड़ताल में ‘ओपी सेवाओं’ के बहिष्कार को लेकर रिपोर्ट मांगी

केएचआरसी ने चिकित्सकों की हड़ताल में ‘ओपी सेवाओं’ के बहिष्कार को लेकर रिपोर्ट मांगी
Modified Date: November 25, 2025 / 06:59 pm IST
Published Date: November 25, 2025 6:59 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 25 नवंबर (भाषा) केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (केएचआरसी) ने राज्य सरकार से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों के एक वर्ग के जारी आंदोलन के तहत बाह्य रोगी (ओपी) सेवाओं के बहिष्कार के संबंध में मंगलवार को रिपोर्ट मांगी।

आयोग ने एक बयान में कहा कि न्यायमूर्ति अलेक्जेंडर थॉमस ने सरकारी चिकित्सकों द्वारा ओटी के बहिष्कार के खिलाफ दर्ज शिकायत के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ओपी सेवाओं का बहिष्कार करना तथा मरीजों को बिना उपचार के वापस भेजना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

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बयान में यह भी कहा गया है कि आंदोलन के कारण हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।

आयोग ने स्वास्थ्य सचिव को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

केरल सरकारी मेडिकल कॉलेज शिक्षक संघ (केजीएमसीटीए) के तत्वावधान में कई सप्ताह से विरोध प्रदर्शन जारी है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि हालांकि आंदोलन के कारण मेडिकल कॉलेजों में ओपी और सैद्धांतिक कक्षाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन आकस्मिक और अन्य आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं।

केजीएमसीटीए के सदस्यों ने कहा कि वेतन संशोधन और नए पदों के सृजन सहित लंबे समय से लंबित मांगों पर सरकार के साथ कई बार हुई बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद वे विरोध प्रदर्शन जारी रख रहे हैं।

एसोसिएशन वेतन संशोधन, 2016 से 2020 तक के वेतन बकाया का भुगतान, वेतन विसंगतियों को दूर करना और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त पदों के सृजन की मांग कर रही है।

भाषा यासिर माधव

माधव


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