कोलकाता चिकित्सक मामला: एनसीडब्ल्यू ने अपराध स्थल से साक्ष्यों को मिटाने का आरोप लगाया

कोलकाता चिकित्सक मामला: एनसीडब्ल्यू ने अपराध स्थल से साक्ष्यों को मिटाने का आरोप लगाया

कोलकाता चिकित्सक मामला: एनसीडब्ल्यू ने अपराध स्थल से साक्ष्यों को मिटाने का आरोप लगाया
Modified Date: August 16, 2024 / 08:38 pm IST
Published Date: August 16, 2024 8:38 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आरोप लगाया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जिस स्थान पर 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई वहां अचानक मरम्मत कार्य किया गया जिससे यह आशंका है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए वहां मरम्मत कार्य किया गया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत अपराध स्थल को सील कर देना चाहिए था।

एनसीडब्ल्यू ने इस घटना के संबंध में अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और जांच में खामियों का खुलासा किया।

एनसीडब्ल्यू को मामले की जांच के दौरान पता चला कि घटना के दौरान वहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था, जिससे रात्रि पाली के दौरान ड्यूटी पर आए चिकित्सक, इंटर्न और नर्सों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई।

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समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपराध स्थल पर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका है। उसने कहा कि जिस स्थान पर महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर बालत्कार किया गया था, वहां अचानक मरम्मत कार्य किया गया।

एनसीडब्ल्यू ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस को अपराध स्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था।

उसने कहा कि अस्पताल में महिला चिकित्सा कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था, जिसमें खराब रखरखाव वाले शौचालय, रोशनी की अपर्याप्त व्यवस्था और सुरक्षा उपायों का भी पूर्ण अभाव था।

एनसीडब्ल्यू ने स्वत: इस मामले का संज्ञान लिया था और जांच के दौरान यह खुलासे किए।

कोलकाता की घटना के संबंध में मीडिया में जारी हुई खबरों के आधार पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की जांच शुरू की थी। आयोग ने 10 अगस्त 2024 को कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई और घटना की गहन जांच की मांग की थी।

एनसीडब्ल्यू ने इस घटना की गहनता से जांच करने के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित किया था, जिसमें एनसीडब्ल्यू सदस्य डेलिना खोंगडुप और पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वकील सोमा चौधरी शामिल थीं।

आयोग 12 अगस्त को कोलकाता पहुंची थी और तब से प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत की परिस्थितियों की गहन जांच कर रही है।

एनसीडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि घटना के बाद इस्तीफा देने वाले अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल से अभी पूछताछ की जानी है।

समिति ने आग्रह किया कि बिना देरी किए इन पहलुओं की गहन जांच की जाए।

भाषा

प्रीति माधव

माधव


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