बांग्ला नववर्ष पर आम जनता के लिए खुले कोलकाता राजभवन के द्वार
बांग्ला नववर्ष पर आम जनता के लिए खुले कोलकाता राजभवन के द्वार
कोलकाता, 15 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार को बांग्ला नववर्ष के मौके पर यहां स्थित 220 वर्ष पुराने राजभवन के दरवाजे आम लोगों के लिये खोलते हुए उन्हें इस आलीशान इमारत में भ्रमण का अवसर प्रदान किया।
बोस ने शनिवार सुबह राजभवन में भारतीय संग्रहालय के सहयोग से ‘हेरिटेज वॉक’ का उद्घाटन किया, जिसमें कलकत्ता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के अलावा वंचित बच्चों और कई अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस भवन का निर्माण 1799 और 1803 के बीच भारत के गवर्नर-जनरल रहे मार्क्वेस वेलेस्ली के कार्यकाल के दौरान किया गया था। इस इमारत का डिजाइन डर्बीशायर के ‘केडलस्टन हॉल’ की तर्ज पर बनाया गया। ‘केडलस्टन हॉल’ लॉर्ड कर्जन का पैतृक आवास था और वह वेलेस्ली के 100 वर्ष बाद यहां वायसराय तथा गवर्नर-जनरल के रूप में रहे थे।
‘हेरिटेज वॉक’ के दौरान लोग ‘रॉयल कोट ऑफ आर्म्स’, ‘विशाल सीढ़ियां’, ‘कर्जन एलिवेटर’ (एशिया की सर्वप्रथम लिफ्ट), पुस्तकालय, ‘दो झीलें’ और पुस्तकालय व बगीचे सहित विभिन्न हॉल देख सकेंगे।
‘पोइला बोइसाख बैसाख हेरिटेज वॉक’ के अवसर पर शनिवार को त्रिपुरा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के एक-एक प्रतिनिधि और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों सहित कुल 30 लोगों ने हिस्सा लिया। पोइला बोइसाख बंगाली कैलेंडर का पहला दिन है।
एक अधिकारी ने बताया कि ‘हेरिटेज वॉक’ हर शनिवार अपराह्न साढ़े चार बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया, “पहले कुछ हफ्तों के लिए केवल आमंत्रित लोगों को ही राजभवन में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। बाद में, उन्हें राजभवन की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। प्रत्येक ‘हेरिटेज वॉक’ में लगभग 30 से 35 लोग भाग ले सकते हैं।”
राज्य के लोगों को ‘पोइला बोइसाख’ के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए बोस ने कहा कि “हेरिटेज वॉक’ का आयोजन शांति स्थापना के लिए किया गया है। …मैं सबकी भलाई की कामना करता हूं।”
भाषा जितेंद्र जितेंद्र पवनेश
पवनेश

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