कोझिकोड: पंचायत कार्यालय में आईयूएमएल के ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ के खिलाफ डीवाईएफआई का प्रदर्शन

कोझिकोड: पंचायत कार्यालय में आईयूएमएल के ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ के खिलाफ डीवाईएफआई का प्रदर्शन

कोझिकोड: पंचायत कार्यालय में आईयूएमएल के ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ के खिलाफ डीवाईएफआई का प्रदर्शन
Modified Date: December 16, 2025 / 08:40 pm IST
Published Date: December 16, 2025 8:40 pm IST

कोझिकोड (केरल), 16 दिसंबर (भाषा) केरल में चंगारोथ पंचायत में आईयूएमएल द्वारा ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’किये जाने के एक दिन बाद सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा इकाई ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने मंगलवार को विरोध मार्च निकाला। पुलिस ने यह जानकारी दी।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने पंचायत में ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ कथित तौर पर इसके पूर्व अध्यक्ष के दलित होने की वजह से किया।

पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और इलाके में किसी प्रकार का तनावपूर्ण माहौल नहीं था।

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पुलिस के अनुसार, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) द्वारा शाम को पंचायत कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला जाएगा।

पुलिस ने कहा कि कथित ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ के संबंध में अब तक उसे कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

पुलिस ने बताया कि यूडीएफ कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अपनी जीत के जश्न के हिस्से के रूप में पंचायत कार्यालय के बाहर सोमवार को हरे रंग का पानी छिड़का और वहां की जमीन की सफाई की।

समाचार चैनल पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है कि आईयूएमएल के झंडे हाथों में लेकर कुछ लोग स्थानीय निकाय कार्यालय के सामने जमीन धो रहे हैं और झाड़ू से उस जगह को साफ कर रहे हैं।

पंचायत के पूर्व अध्यक्ष उन्नी वेंगरी ने दावा किया कि इस घटना के पीछे आईयूएमएल कार्यकर्ताओं का हाथ था।

आईयूएमएल केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) का एक प्रमुख घटक है।

वेंगरी ने कहा कि उन्होंने किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता को इस घटना में शामिल होता नहीं देखा, लेकिन उनमें से कुछ लोग पूरी घटना को नजदीक खड़े होकर देख रहे थे।

उन्होंने तर्क दिया कि जिन चार पंचायतों में यूडीएफ ने एलडीएफ से जीत हासिल की, उनमें से तीन में इस तरह का कोई जश्न नहीं मनाया गया।

वेंगरी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘चांगरोथ पंचायत में एकमात्र अंतर यह है कि यहां दलित समुदाय का एक सदस्य अध्यक्ष था, इसलिए अगर कोई इसे जाति आधारित अपमान मानता है तो क्या उन्हें गलत ठहराया जा सकता है?’’

उन्होंने कहा कि इससे भावनाओं को ठेस पहुंची है।

भाषा यासिर धीरज

धीरज


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