हैदराबाद में भूमि मामला: मीनाक्षी नटराजन की तेलंगाना सरकार को सभी हितधारकों के साथ चर्चा की सलाह

हैदराबाद में भूमि मामला: मीनाक्षी नटराजन की तेलंगाना सरकार को सभी हितधारकों के साथ चर्चा की सलाह

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  • Publish Date - April 6, 2025 / 03:27 PM IST,
    Updated On - April 6, 2025 / 03:27 PM IST

हैदराबाद, छह अप्रैल (भाषा) छात्रों और अन्य समूहों के बढ़ते विरोध के बीच, तेलंगाना में कांग्रेस मामलों की पार्टी प्रभारी मीनाक्षी नटराजन ने राज्य सरकार से हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटी 400 एकड़ भूमि के बारे में सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने की सलाह दी है।

मंत्रियों की समिति को हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) की कार्यकारी समिति, नागरिक समाज समूहों और अन्य लोगों के साथ चर्चा करने का काम सौंपा गया है। मंत्रियों की इस समिति में राज्य के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू (दोनों यूओएच के पूर्व छात्र) और राज्य के राजस्व मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी शामिल हैं। समिति के सदस्यों और अन्य ने नटराजन से मुलाकात की। नटराजन शनिवार को यहां पहुंची थीं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘उन्होंने (नटराजन) कहा कि सरकार को छात्रों और अन्य पक्षों की आपत्तियों को भी सुनना चाहिए और भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए। हम सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और हमें सभी की बातों को धैर्यपूर्वक सुनना चाहिए।’’

नटराजन इस मुद्दे पर कुछ नागरिक समाज समूहों से भी मुलाकात कर सकती हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांचा गाचीबोवली भूमि राज्य सरकार की है और वर्तमान सरकार ने अदालतों में मुकदमा लड़ा और इसे बरकरार रखा।

हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुछ छात्र समूह और विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी रविवार को नटराजन से मुलाकात कर सकते हैं।

सम्पर्क किये जाने पर यूओएच छात्रसंघ अध्यक्ष उमेश आंबेडकर ने कहा कि मंत्रियों की समिति की ओर से वार्ता के लिए कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला है।

तेलंगाना सरकार द्वारा कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि विकसित करके आईटी आधारभूत ढांचा विकसित करने की योजना का यूओएच छात्र संघ ने विरोध किया है। इस मामले की सुनवाई अब तेलंगाना उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में जारी है।

आंदोलन कर रहे छात्रों का दावा है कि यह 400 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय की है, जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यह भूमि उसके कब्जे में है और उसने कांचा गाचीबोवली भूमि के बदले विश्वविद्यालय को उसके परिसर के पास पहले ही समतुल्य भूमि आवंटित कर दी थी।

साइबराबाद पुलिस ने चार अप्रैल को कांचा गाचीबोवली की 400 एकड़ भूमि वाले क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति और सार्वजनिक शांति भंग होने से रोकने के लिए 16 अप्रैल तक लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।

भाषा राखी अमित

अमित