नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को कहा कि संविधान के उद्देश्य को सही मायने में पूरा करने के लिए डॉ भीम राव आंबेडकर द्वारा स्थापित ‘‘समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व’’ के मूल्यों को समाज में गहराई से समाहित किया जाना चाहिए।
आंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मेघवाल ने न केवल कानूनी ढांचे में, बल्कि रोजमर्रा के सामाजिक व्यवहार में भी आंबेडकर के आदर्शों को व्यापक रूप से अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आंबेडकर द्वारा स्थापित समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों को समाज में गहराई से समाहित किया जाना चाहिए, तभी जाकर संविधान की यात्रा पूरी हो सकेगी।
आंबेडकर की विरासत के स्वामित्व को लेकर चल रही बहस का जिक्र करते हुए मेघवाल ने दिवंगत नेता के संबंध में किये जा रहे राजनीतिक दावों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि इस पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाया या उस पार्टी ने। मैं कहता हूं कि समाज ने उन्हें मंत्री बनाया।’’
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि आंबेडकर का योगदान राष्ट्रीय सीमाओं और जातिगत पहचानों से परे है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, आंबेडकर जयंती विश्व स्तर पर मनाई जा रही है। उनके द्वारा सहे गए उत्पीड़न और भेदभाव के बावजूद, समावेशी समाज के लिए उनका दृष्टिकोण अद्वितीय है।’’
कुमार ने यह भी कहा कि आंबेडकर की लड़ाई ने ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों के लिए संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने में मदद की।
उन्होंने कहा, ‘‘करोड़ों लोग जो कभी भेदभाव का शिकार थे, उन्हें बाबासाहेब की वजह से सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिला। चाहे शिक्षा तक पहुंच हो, नौकरियों में आरक्षण हो या सामाजिक न्याय हो – उनके संघर्ष ने इन्हें संभव बनाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए बाबासाहेब किसी भगवान से कम नहीं हैं।’’
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
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