लोको पायलट के लिए अब सभी रनिंग रूम और लोको कैब में लगी AC, फ़ुट मसाजर तक की मिलती है सुविधा

Loco pilots now get facilities like AC and foot massager : पायलट लोको कैब से इंजन चलाते हैं। 2014 से पहले, कैब की हालात बहुत खराब थी।2014 के बाद से, एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सुधार किया गया है। और 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। नये लोकोमोटिव एसी कैब के साथ निर्मित किए गए हैं।

लोको पायलट के लिए अब सभी रनिंग रूम और लोको कैब में लगी AC, फ़ुट मसाजर तक की मिलती है सुविधा

Loco pilots now get facilities like AC and foot massager

Modified Date: July 10, 2024 / 05:49 pm IST
Published Date: July 10, 2024 5:48 pm IST

नईदिल्ली। Loco pilots now get facilities like AC and foot massager रेलवे विभाग में लोको पायलट की स्थितियों को लेकर इन दिनों देश में चर्चाएं शुरू हैं। एक तरफ जहां विपक्ष रेलवे को बर्बाद करने और लोको पायलट की खराब स्थितियों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष 2014 के बाद से रेलवे में सुधार का हवाला दे रहा है।

बता दें कि बीते दिनों राहुल गांधी का वीडियो सामने आया था जिसमें वे रेलवे के इंजन में जाकर लोको पायलट की हालतों को समझने का प्रयास कर रहे थे, इसके बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा था कि लोको पायलट इतनी गर्मी में काम करते हैं, सरकार ने इनके लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं कराया है।

read more:  BYD Atto-3 2024 : भारत में धूम मचाएगी ये दमदार इलेक्ट्रिक कार, बेहतरीन फीचर्स के साथ मिलेगी शानदार रेंज

 ⁠

इसी कड़ी में रेलवे द्वारा एक आधिकारिक पत्र जारी कर लोको पायलट की सुविधाओं को लेकर डाटा जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि लोको पायलट रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। पिछले दस वर्षों में कामकाज में बड़े सुधार किये गये हैं। जब पायलट मुख्यालय से बाहर होते है और यात्रा पूरी कर लेते हैं, तो वे आराम करने के लिए रनिंग रूम में आ जाते हैं।

2014 से पहले रनिंग रूम की हालत बहुत ख़राब थी। आज रनिंग रूम में काफ़ी सुधार हुआ है। लगभग सभी (558) रनिंग रूम अब वातानुकूलित हो गये हैं। कई रनिंग रूम में फ़ुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। संयोग से, लोको पायलटों की कार्य परिस्थितियाँ को बिना समझे समाज के कुछ वर्गों ने आलोचना की।

read more:  गंभीर के वेतन के करार पर अभी हस्ताक्षर नहीं, पहली बड़ी परीक्षा होगी आस्ट्रेलिया में

पायलट लोको कैब से इंजन चलाते हैं। 2014 से पहले, कैब की हालात बहुत खराब थी।2014 के बाद से, एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सुधार किया गया है। और 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। नये लोकोमोटिव एसी कैब के साथ निर्मित किए गए हैं।

लोको पायलटों के ड्यूटी घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है। यात्राओं के बाद सावधानीपूर्वक विश्राम प्रदान किया गया है। ड्यूटी के घंटे निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखे जाते हैं। इस साल जून माह में औसत ड्यूटी घंटे की अवधि 8 घंटे से कम है। केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटे से अधिक होती है। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई। 34,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है। 18,000 रनिंग स्टाफ पर भर्ती प्रक्रिया अभी प्रक्रिया में है।

इसमें आगे कहा गया है कि फर्जी खबरों से रेलवे परिवार को हतोत्साहित करने का प्रयास पूरी तरह से विफल होगा। रेल परिवार हमारे देश की सेवा के लिए एकजुट है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com