मुंबई: भगवा दल यानी भाजपा इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर निश्चिंत नजर आ रही हैं। पार्टी की नजर हार-जीत से आगे बढ़कर अब ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने पर हैं। पार्टी को इस बात का पूरा भरोसा हैं कि वह अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार बम्पर सीटें हासिल करेंगी। इसकी वजह हैं सरकार के वो बड़े फैसले जो उनके मुख्य एजेंडो में शामिल था। इनमे सबसे पहला हैं राम मंदिर की पुनर्स्थापना। भाजपा राम मंदिर के मुद्दे की वजह से ही लगातार 400 से ज्यादा सीट जीतने का दावा कर रही हैं। इसके अलावा पिछले साल के आखिर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा के चुनाव को भी भाजपा सेमीफाइनल मान रही थी। यहां हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहाँ बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करते हुए सरकार बनाई थी तो वही एमपी में भी तमाम एंटी इंकम्बेंसी को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी ने रिकार्ड सीटें हासिल की। इन नतीजों से भी मोदी एन्ड टीम को पूरा भरोसा हो गया हैं कि हाल-फिलहाल भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर कर पाना असंभव हैं।
लेकिन अगर बात करें MoTN यानि मूड ऑफ़ द नेशन के हालिया सर्वे की तो शायद भाजपा के लिए 400 प्लस का रास्ता उतना आसान नहीं होने वाला जितना माना जा रहा हैं। MoTN के मुताबिक भाजपा को महाराष्ट्र में बड़ा झटका लग सकता हैं। झटके का मतलब यह नहीं हैं कि भाजपा यहाँ सिमट जाएगी। बीजेपी को इस बार भी सीटें मिलेंगी लेकिन जितनी सीटें उन्होंने पिछली बार अकेले अपने दम पर हासिल की थी वह कारनामा दोहरा पाने में बीजेपी शायद कामयाब न हो। यह स्थिति तब होगी जब वह एकनाथ शिंदे के शिवसेना के साथ गठबंधन कर लोकसभा के चुनाव में उतरेगी। वही इसके उलट इस सर्वे में शरद पवार और यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे को मजबूत होता दिखाया गया हैं।
MoTN के सर्वे के मुताबिक़ बीजेपी गठबंधन को महाराष्ट्र में 22 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 2019 में बीजेपी ने अकेले 23 लोक सभा सीटों पर जीत हासिल की थी। ये तब की बात है जब शिवसेना टूटी नहीं थी, और बीजेपी के साथ उसका गठबंधन, जिसमें 19 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी गठबंधन का मुकाबला कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन से था, जिसमें दोनों के हिस्से में 6 सीटें आई थी। तब एनसीपी में भी कोई टूट नहीं हुई थी और उसे 4 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 2 सीटें – और औरंगाबाद की एक सीट असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को मिली थी।
MoTN सर्वे के रिजल्ट बता रहे हैं कि बचे हुए महाविकास आघाड़ी को आने वाले आम चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 26 सीटें मिल सकती हैं। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस अकेले 12 सीटों पर जीत सकती है, और उद्धव ठाकरे और शरद पवार के हिस्से बची पार्टियां मिल कर 14 सीटें हासिल कर सकती हैं। बात पिछली बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों की करें तो भाजपा ने तब अकेले ही
माना जा रहा हैं कि महाराष्ट्र के मतदाताओं को भाजपा का पॉलिटिकल बिहेव पसंद नहीं आ रहा हैं। पिछले समय जिस तरह से शिवसेना में टूट का फायदा उठाते हुए उन्होंने सरकार बनाई और फिर एनसीपी के टूट का फायदा लिया, उसने मराठा मतदाताओं को प्रभावित किया हैं। महाराष्ट्र में पवार और ठाकरे परिवार के साथ हुए सलूक से भी मराठी मतदाताओं में अच्छा सन्देश नहीं गया हैं और यही वजह हैं कि भाजपा महाराष्ट्र में जिस बूम की उम्म्मीद लगायें हुए हैं वह होता नहीं दिखा रहा हैं।