Mahashivratri in Kashmir: कश्मीर में बड़ी धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि, सीएम उमर अब्दुल्ला ने दी शुभकामनाएं, ‘शिव’ के जयकारों से गूंजी घाटी
Mahashivratri in Kashmir: कश्मीर घाटी में स्थानीय हिंदू सुबह-सुबह भगवान शिव की पूजा करने के लिए पहाड़ियों पर स्थित शंकराचार्य मंदिर पहुंचे।
Mahashivratri in Kashmir | Source : PTI
- कश्मीर में भी महाशिवरात्रि का रंग देखने को मिला है।
- कश्मीर में हिंदू समुदाय ने बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया।
- स्थानीय हिंदू सुबह-सुबह भगवान शिव की पूजा करने के लिए जबरवान पहाड़ियों पर स्थित शंकराचार्य मंदिर पहुंचे।
श्रीनगर। Mahashivratri in Kashmir: आज पूरे देश में महाशिवरात्रि की धूम हैं। जगह जगह धार्मिक आयोजन किए गए हैं। शिव मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। तो वहीं कश्मीर में भी महाशिवरात्रि का रंग देखने को मिला है। कश्मीर में हिंदू समुदाय ने बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में स्थानीय हिंदू सुबह-सुबह भगवान शिव की पूजा करने के लिए जबरवान पहाड़ियों पर स्थित शंकराचार्य मंदिर पहुंचे।
VIDEO | Jammu and Kashmir: Devotees visit Shankaracharya Temple in Srinagar for Mahashivratri Prayers.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/aU8SPHtFja
— Press Trust of India (@PTI_News) February 26, 2025
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर दर्जनों पर्यटक भी मंदिर पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार श्रद्धालुओं ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हिंदू समुदाय को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। सीएम अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर कहा, सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं! यह पावन अवसर सभी के लिए शांति, समृद्धि और ईश्वरीय कृपा लेकर आए तथा हमें शक्ति, ज्ञान और सद्भाव प्रदान करें।
हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी पंडित समुदाय को ‘हेराथ’ की शुभकामनाएं दीं। कश्मीरी पंडितों द्वारा मनाये जाने वाले हेराथ को हर या शिव की रात्रि के नाम से भी जाना जाता है। मीरवाइज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, हेराथ के अवसर पर हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं। प्रेम और सह-अस्तित्व के बंधन की बहाली के लिए प्रार्थना करें जो हमारी साझा विरासत का एक अंतर्निहित घटक है।

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