महाराष्ट्र: एफडी की रकम लौटाने से सहकारी समिति के इनकार के बाद किसान ने आत्महत्या की

महाराष्ट्र: एफडी की रकम लौटाने से सहकारी समिति के इनकार के बाद किसान ने आत्महत्या की

महाराष्ट्र: एफडी की रकम लौटाने से सहकारी समिति के इनकार के बाद किसान ने आत्महत्या की
Modified Date: June 18, 2025 / 04:56 pm IST
Published Date: June 18, 2025 4:56 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 18 जून (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में सावधि जमा राशि लौटाने से इनकार किए जाने से परेशान 46 वर्षीय किसान ने बुधवार को सहकारी समिति के कार्यालय के सामने रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।

किसान का शव तड़के सोसायटी के शाखा कार्यालय के बाहर लोहे के एंगल से लटका हुआ मिलने के बाद गेवराई पुलिस ने ‘छत्रपति मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी’ के पूर्व अध्यक्ष संतोष भंडारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मृतक की पहचान सुरेश जाधव के रूप में हुई है।

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जाधव ने 2020 में सहकारी समिति में सावधि जमा में 11.50 लाख रुपये का निवेश किया था। उनके परिवार के अनुसार, जाधव अपने दो बच्चों की शिक्षा के लिए पिछले दो वर्षों से अपने पैसे वापस करने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन समिति पूरी राशि वापस करने में विफल रही।

जाधव की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है, ‘छह महीने पहले वह जहर की बोतल लेकर सोसायटी के शाखा कार्यालय गए थे और पैसे न लौटाने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी।’

प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके बाद तत्कालीन चेयरमैन ने 2.5 लाख रुपए लौटा दिए और आश्वासन दिया कि बाकी रकम दो महीने में दे दी जाएगी, लेकिन इसके बाद कोई और भुगतान नहीं किया गया।

मंगलवार को जाधव अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सोसायटी की गेवराई शाखा में गए थे। प्राथमिकी के अनुसार, शाखा प्रबंधक ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और पैसे लौटाए बिना परिवार को कार्यालय से निकाल दिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आत्महत्या मामले की जांच जारी है।

एक अलग घटना में, 83 वर्षीय किसान ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नवी मुंबई में सिडको मुख्यालय में जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।

दत्तू भिवा ठाकुर नामक किसान को सिडको अधिकारियों ने रोक लिया और बेलापुर के एमजीएम अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत अब स्थिर है।

ठाकुर के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सिडको ने एक परियोजना के लिए उरण तालुका के धुतुम गांव में परिवार के स्वामित्व वाली जमीन का अधिग्रहण किया था, लेकिन मुआवजा नहीं दिया।

उन्होंने दावा किया कि ठाकुर द्वारा जमीन पर शुरू की गई पार्किंग सुविधा को हाल ही में अतिक्रमण विरोधी विभाग ने हटा दिया था।

शहर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) प्रिया रतम्बे ने कहा कि ठाकुर ने कई बार अनुरोध करने के बावजूद आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए हैं।

पीआरओ ने कहा, ‘वह 12.5 प्रतिशत पुनर्वास योजना के तहत एक भूखंड के लिए पात्र थे। उन्हें 8 नवंबर, 2023 को एक विशेष ड्रा के माध्यम से भूखंड आवंटित किया गया था और एक आशय पत्र जारी किया गया था। हालांकि, उन्होंने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए।’

रतम्बे ने स्पष्ट किया कि ठाकुर को अनधिकृत निर्माण के कारण बेदखल किया गया था।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा


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