कोरोना ने तोड़ दिया था हौसला, लेकिन UPSC 2020 में आदित्य जिवाने ने हासिल किया 399 वां रैंक
UPSC 2020 में आदित्य जिवाने ने हासिल किया 399 वां रैंक! Maharashtra youth who was infected with covid in Delhi during second wave passed civil services examination
नई दिल्ली: कोविड ने करीब करीब उसका सपना चकनाचूर ही कर दिया था, उसकी हालत ऐसी थी कि उसे लगा कि वह अब नहीं बचेगा लेकिन सिविल सेवा परीक्षा पास करने के एक दिन बाद शनिवार को आदित्य जिवाने ने अपने माता पिता को उन्हें बड़ा सोचने के लिए प्रेरित करने एवं नये शहर में संकट के दौरान मदद के लिए अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के नौकरशाहों को धन्यवाद दिया।
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जिवाने (25)को शुक्रवार को घोषित किय गये सिविल परीक्षा परिणाम में 399 वां स्थान मिला। उन्हें विश्वास था कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में जगह बना लेंगे और खुशी भी है कि उन्होंने कई बाधाओं पर विजय पायी है । यशवंतराव कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके जिवाने ने पीटीआई -भाषा से कहा, ‘‘ सिविल सेवा को मेरे माता-पिता ने मेरे लिए एक सपने की तरह देखा था। जब मैं बड़ा हो गया तब उनके सपने मेरे हो गये।’ जिवाने के माता-पिता अध्यापक हैं, उनके पिता चंद्रपुर के वरोड़ा में एक स्थानीय कॉलेज में पढ़ाते हैं जबकि मां जिला परिाद विद्यालय में अध्यापिका है। उन्होंने कहा कि एक समय तो ऐसा लग रहा था कि वह सपना साकार नहीं हो पाएगा। अप्रैल का महीना था और दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर थी। नागपुर में प्राथमिक परीक्षा देने के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए जनवरी में ही दिल्ली जाने का निर्णय कर ले चुके थे और अब यहां वह अकेले थे।
सिविल सेवा की परीक्षा में पिछले दो प्रयासो में विफल रहे जिवाने अब इस परीक्षा के अंतिम पड़ाव साक्षात्कार की तैयार कर रहे थे कि उसी बीच वह कोविड संक्रमित हो गये। यहां अस्पताल मरीजों से अटे पड़े थे और जिवाने भी अन्य मरीजों की भांति एक बेड के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनके सीटी स्कोर 18 था जो इस बात का संकेत था कि उनकी स्थिति गंभीर है। वह पश्चिमोत्तर दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का केंद्र समझे जाने वाले मुखर्जी नगर में अपने कमरे में अकेले थे। उन्हें लगा कि मई में होने वाले साक्षात्कार में वह भाग नहीं ले पायेंगे। जिवाने ने बताया कि किसी तरह उन्होंने अपने लिए एक ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया, लेकिन वह जल्दी खाली होने लगा और उन्हें पता चल गया था कि अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है लेकिन यह कहने इतना आसान नहीं था।
तब उन्होंने विभिन्न व्हाट्सग्रुप में संकट संदेश भेजा। देश के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात उनके राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों ने यह संदेश देखा और वे उनकी मदद को आगे आये। मुंबई हवाई अड्डे पर फिलहाल तैनात भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी नीतीश पठोड़े ने कहा, ‘‘ उनकी हालत गंभीर थी। हमने उनके माता-पिता और दिल्ली में तैनात अधिकारियों से संपर्क किया ताकि उन्हें तत्काल मदद मिले। उनके माता-पिता को तसल्ली दी गयी क्योंकि वे वाकई बहुत चिंतिंत थे। हम एक बेड का इंतजाम कर पाये लेकिन वह बिना ऑक्सीजन का था।’’
दिल्ली, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, दादर नागर हवेली एवं दमन दीव पुलिस सेवा की अधिकारी एवं दिल्ली पुलिस की सहायक आयुक्त स्वाति पाटिल ने बुराड़ी में जिवाने को एक बेड दिलायी। उन्हें 24 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती किया गया। तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी आनंद पाटिल ने भी सहयोग किया। पठोड़े ने बताया, ‘‘ अस्पताल में भर्ती के बाद भी उनकी हालत गंभीर बनी रही। ’’ जिवाने को अस्पताल से 30 अप्रैल को छुट्टी दी गयी। संयोग से यूपीएससी ने साक्षात्कार 11 मई से अगस्त तक के लिए टाल दिया। जब सेहत ठीक हुई तब वह जून आखिर में साक्षात्कार की तैयारी में जुट गये। पाटिल ने कहा, ‘‘ जिवाने ने जो भी हिम्मत दिखायी, यह उनकी सकारात्मकता ही थी जिससे उन्हें बीमारी से उबरने एवं लक्ष्य हासिल करने में मदद की।’’

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