महाराष्ट्र में फिर गरमाई सियासत, शिवसेना के इस MLA को छोड़कर 53 विधायकों को मिला नोटिस, जानें क्या है माजरा
MAHARASTRA POLITICAL CRISIS : महाराष्ट्र में भले ही राजनीतिक संकट का समाधान हो गया हो, लेकिन सियासत की रस्साकस्सी थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मुंबई । MAHARASTRA POLITICAL CRISIS : महाराष्ट्र में भले ही राजनीतिक संकट का समाधान हो गया हो, लेकिन सियासत की रस्साकस्सी थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार सियासत जारी है। जमकर राजनीति की जा रही है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सरकार तो बन गई है, लेकिन सियासी गहमागहमी लगातार जारी है। इस वक्त एक बड़ी खबर ये है कि आदित्य ठाकरे को छोड़कर शिवसेना के 53 विधायकों को नोटिस भेजा गया है। महाराष्ट्र विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
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आदित्य ठाकरे को नोटिस नहीं भेजने के पीछ जो सबसे बड़ा कारण है वह यह है कि शिंदे कैंप ने मातोश्री के प्रति सम्मान का दावा करते हुए आदित्य ठाकरे के खिलाफ के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का निर्णय किया था। शिवसेना के इन 53 विधायकों से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है। जिन विधायकों को नोटिस भेजा गया है उनमें एकनाथ शिंदे गुट के 39 और ठाकरे खेमे के 14 एमएलए शामिल हैं। बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दोनों खेमे की ओर से याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। दोनों ही खेमे ने तीन और चार जुलाई को पहले स्पीकर के चुनाव और फिर फ्लोर टेस्ट के दौरान व्हीप के उल्लंघन का आरोप लगाते हुआ सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।
4 जुलाई को एकनाथ शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विश्वास मत के लिए शिवसेना के सभी विधायकों को एक लाइन का व्हिप जारी कर प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया था। वहीं, जबकि दूसरे गुट के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने भी शिवसेना के सभी विधायकों को सरकार के पक्ष में मतदान नहीं करने का निर्देश दिया था। राज्य विधायिका के प्रमुख सचिव राजेंद्र भागवत ने महाराष्ट्र विधान सभा के इन 53 विधायकों को को दलबदल के आधार पर अयोग्यता नियम के तहत नोटिस जारी किया। विधायकों को सात दिन में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
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