महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक पाटीदार भगोड़ा घोषित | Mahoba's suspended Superintendent of Police declared Patidar fugitive

महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक पाटीदार भगोड़ा घोषित

महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक पाटीदार भगोड़ा घोषित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : November 14, 2020/11:51 am IST

लखनऊ/महोबा (उप्र), 14 नवंबर (भाषा) महोबा जिले के कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध रूप से गोली लगने से मौत मामले में अदालत से गैर हाजिर चल रहे निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार और दो पुलिसकर्मियों को लखनऊ की एक अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है।

महोबा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेन्द्र कुमार गौतम ने शनिवार को इस आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि निलंबित पुलिस अधीक्षक पाटीदार और कबरई के तत्कालीन थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला एवं सिपाही अरुण यादव अदालत से गैर हाजिर हैं।

उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना प्रयागराज अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के एसपी आशुतोष मिश्रा कर रहे हैं, उन्हीं की अर्जी पर लखनऊ की एक भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने शुक्रवार को यह आदेश पारित किया है।

गौरतलब है कि सात और आठ सितंबर को महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने, झूठे मुकदमों में फंसाने और अपनी हत्या की आशंका व्यक्त करने संबंधित वीडियो वायरल करने के कुछ घण्टे बाद क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी (44) अपनी कार में गोली लगने से घायल पड़े मिले थे।

वीडियो वायरल होने और व्यवसायी के घायल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के आरोप में नौ सितंबर को पाटीदार को निलंबित कर दिया और 11 सितंबर को इन्द्रकांत के बड़े भाई रविकांत की तहरीर पर पाटीदार, कबरई के निलंबित थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और दो अन्य विस्फोटक सामग्री कारोबारियों सुरेश सोनी व ब्रम्हदत्त के खिलाफ जबरन धन वसूली (386), हत्या का प्रयास (307), साजिश रचना (120बी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7/8 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

इसके बाद 13 सितंबर को कानपुर की रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान घायल व्यवसायी इन्द्रकांत की मौत होने पर यह मामला हत्या में बदल गया था। बाद में शासन के आदेश पर पुलिस महानिदेशक ने वाराणसी के आईजी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।

एसआईटी की जांच में व्यवसायी इन्द्रकांत द्वारा खुद की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या करने की बात सामने आने पर अब यह मामला आत्महत्या के लिये उकसाने की धारा में बदल गया है।

निलंबित पुलिस अधीक्षक पाटीदार प्राथमिकी निरस्त कराने और गिरफ्तारी में रोक लगाने की याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी दाखिल कर चुके हैं, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत की भी याचिका खारिज कर दी है।

भाषा सं सलीम धीरज

धीरज

 

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