अधिकांश दिल्लीवाले चाहते हैं कि वायु प्रदूषण को लेकर तत्काल कदम उठाये जाएंः सर्वे
अधिकांश दिल्लीवाले चाहते हैं कि वायु प्रदूषण को लेकर तत्काल कदम उठाये जाएंः सर्वे
नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) ऑनलाइन सर्वेक्षण प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्किल्स’ के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली के निवासी चाहते हैं कि सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर अंकुश लगाने, निर्माण स्थलों को ढकने और सड़कों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे।
सर्वेक्षण के अनुसार, 10 में से 8 निवासी दिल्ली के बाहर पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल उपाय किये जाने के पक्ष में हैं। पराली जलाना सर्दी के महीनों के दौरान खराब वायु गुणवत्ता के प्रमुख कारणों में से एक है।
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि लगभग 70 प्रतिशत लोग खुले में कचरा जलाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं।
यह निष्कर्ष ऐसे समय में सामने आया है जब दिल्ली सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) से पहले वायु प्रदूषण शमन योजना 2025 के तहत 25 सूत्री कार्य योजना, ‘शुद्ध हवा सबका अधिकार – प्रदूषण पर जोरदार प्रहार’ की घोषणा की है।
प्रदूषण उपायों के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देने वाले 11,700 से अधिक निवासियों में से 70 प्रतिशत ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मजबूत समन्वय की मांग की।
‘लोकल सर्किल्स’ के अनुसार, इतने ही प्रतिशत उत्तर देने वालों ने महत्वपूर्ण अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान निर्माण स्थलों को अनिवार्य रूप से ढकने और सड़कों की मशीन से सफाई करने का भी समर्थन किया।
सर्वेक्षण में बताया गया कि 67 प्रतिशत उत्तरदाता चाहते हैं कि अधिकारी अपशिष्ट और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।
सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तर देने वाले 67 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि दिल्ली में डीजल जनरेटरों में दोहरे ईंधन किट का उपयोग किया जाए, जबकि 33 प्रतिशत ने प्रदूषण के महीनों के दौरान शहर की सड़कों पर वाहनों के उपयोग को सीमित करने की योजना का समर्थन किया।
सर्वेक्षण में बताया गया है कि सरकार की नयी योजना के बावजूद, केवल एक तिहाई निवासियों का मानना है कि सरकार इस साल प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।
‘लोकल सर्किल्स’ द्वारा 14,700 से अधिक लोगों के बीच किए गए एक अन्य सर्वेक्षण में, 58 प्रतिशत ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही, 33 प्रतिशत ने कहा कि कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि 9 प्रतिशत लोगों के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं था।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश

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