ममता ने दूसरे राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को ‘परेशान’ करने के लिए भाजपा पर फिर निशाना साधा

ममता ने दूसरे राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को 'परेशान' करने के लिए भाजपा पर फिर निशाना साधा

ममता ने दूसरे राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को ‘परेशान’ करने के लिए भाजपा पर फिर निशाना साधा
Modified Date: July 17, 2025 / 10:03 pm IST
Published Date: July 17, 2025 10:03 pm IST

कोलकाता, 17 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन तृणमूल कांग्रेस की बंगाली पहचान की वकालत की और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले विभिन्न राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को बांग्लादेशी बताकर हिरासत में लिया जा रहा है।

ममता ने आरोप लगाया कि यह पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की मतदाता सूची से 17 लाख लोगों के नाम हटाने की चाल का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे कुशल श्रमिकों को वहां (भाजपा शासित राज्यों में) ले जाया जाता है, क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सेवाओं की जरूरत है। किसी को सिर्फ बांग्ला बोलने के लिए बांग्लादेशी या रोहिंग्या कैसे कहा जा सकता है? उन गरीब लोगों पर अत्याचार क्यों किया जा रहा है?’

 ⁠

यहां न्यू टाउन के पास एक आवासीय परियोजना के उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कृपया बताएं कि रोहिंग्या कहां हैं और उनकी भाषा क्या है।’

उन्होंने भाजपा से ठोस तर्क पेश करने और ‘रोहिंग्या बताने जैसे बेबुनियाद दावों’ से बचने को कहा।

ममता ने आरोप लगाया कि यह चुनाव से पहले 17 लाख मतदाताओं के नाम हटाने और उन्हें उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करने की एक चाल है।

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा नहीं होने देंगे।’

तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि 1975 से पहले देश में आए लोगों को बांग्लादेशी नहीं माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के राज्यों सहित अन्य जगहों से 1.5 करोड़ प्रवासी वर्षों से पश्चिम बंगाल में काम कर रहे हैं।

ममता ने कहा, ‘हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे बंगाल के साथ एकीकृत हो गए हैं और उस खूबसूरत बंगाल का हिस्सा हैं, जहां दुर्गा पूजा, ईद, छठ, गुरु नानक जयंती और क्रिसमस जैसे त्योहार समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं और सभी इसमें हिस्सा लेते हैं।’

उन्होंने कहा कि बांग्ला बोलने वालों को राजनीतिक कारणों से प्रताड़ित और परेशान न किया जाए।

इससे पहले, ममता ने बुधवार को एक रैली में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देशभर में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने की नीति अपनाने का आरोप लगाया था।

उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी थी कि अगर उसने इस तरह की कार्रवाई पर तत्काल रोक नहीं लगाई, तो उसे गंभीर राजनीतिक परिणाम भुगतने होंगे।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन राज्यों में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ‘निर्वाचन आयोग को प्रभावित’ कर रहा है।

ममता ने बृहस्पतिवार को कहा कि विपक्ष को उनकी सरकार की ओर से 14 वर्षों में लाई गई परियोजनाओं में से कुछ भी सार्थक नहीं दिखता।

उन्होंने दावा किया, ‘वे (विपक्षी नेता) सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जरिये फर्जी खबरें फैलाएंगे और झूठी तस्वीरें प्रसारित करेंगे।’

पश्चिम बंगाल में गरीबों के मकानों से जुड़ी धनराशि रोकने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि राज्य ने अपने संसाधन जुटाए और न्यू टाउन क्षेत्र में पांच परियोजनाओं पर 455.50 करोड़ रुपये खर्च किए।

उन्होंने गरीबों के लिए दो आवास परियोजनाओं और बच्चों के मनोरंजन पार्क का अनावरण किया।

ममता ने कहा कि राज्य ने 200 एकड़ भूमि पर इको पार्क स्थापित किया है, जो एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गया है और कई लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘हम जबरदस्ती जमीन नहीं लेते, बल्कि हमने एक भूमि बैंक बनाया है और भूमि उपयोग नीति का पालन करते हैं।’

कई पर्यटन परियोजनाओं का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि जलपाईगुड़ी में शिव मंदिर के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि तीर्थयात्रियों की मदद के वास्ते एक पुल का निर्माण किया जा रहा है।

भाषा

पारुल अविनाश

अविनाश


लेखक के बारे में